सत्ता की हनक किस प्रकार नेताओं को कानून अपने हाथ में लेने की छूट दे देती है, इसका नजारा मध्यप्रदेश में देखने को मिला था। दरअसल, मध्य प्रदेश के बीजेपी के विधायक को पुलिस कॉन्स्टेबल पर हमला करते सीसीटीवी कैमरे में पकड़ा गया था। यह घटना गुरुवार को देवास में उदयगर पुलिस स्टेशन में हुई थी। खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाने वाले विधायक इस वीडियो में कॉन्स्टेबल की पिटाई करते दिखाई दे रहे थे। वहीं घटना के 12 घंटे बीत जाने के बाद आखिरकार पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर लिया गया है। एसएचओ उदयनगर के अनुसार, कॉन्स्टेबल पर उस वक्त हमला किया गया जब बीजेपी विधायक चंपा लाल देवड़ा के भतीजे को कॉन्स्टेबल ने रोकने का प्रयास किया जो पुलिस स्टेशन से नाबालिग से रेप के तीन आरोपियों को बचाने में मदद कर रहा था।
जड़े तीन तमाचे-
एसएचओ शिव रघुवंशी ने बताया कि बाद में भतीजा अपने विधायक चाचा और कुछ समर्थकों के साथ पुलिस स्टेशन आया जहां विधायक ने स्टेशन के अंदर कांस्टेबल पर हमला किया। सीसीटीवी फूटेज में देखा गया कि देवड़ा ने कॉन्स्टेबल को तीन तमाचे जड़ दिए। इस दौरान थाने के दूसरे स्टाफ मूक दर्शक बने रहे। वहीं थप्पड़ खाने वाला कांसटेबल भी चुपचाप खड़ा रहा। हालांकि इस मामले में पुलिस से सारे सबूत और गवाह होने के बावजूद 12 घंटे बाद FIR दर्ज की।
दवाब में पुलिसवाले-
बताया जा रहा है कि पुलिस पर सत्तारूढ़ दल का दबाव था। शुरुआत में विधायक के खिलाफ मामला दर्ज करने में संकोच कर रही थी। हालांकि, आईपीसी की धारा 323, 294 और 506 के तहत विधायक चंपालाल देवड़ा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
देवास की बागली सीट से विधायक चंपालाल देवड़ा का इसके बाद से फोन भी बंद है। हालांकि पुलिस का कहना है कि उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसको लेकर कांग्रेस ने भी हमला बोला है।
किसी भी नेता का कोई बयान नहीं-
बात साफ़ है की चुनावी साल आते ही ऐसी घटनाये सामने आने लगी है| सूबे की मुखिया समेत बीजेपी के किसी भी नेता का कोई बयान नहीं आया है और ना ही अभी तक बीजेपी के इस विधायक के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है| आपको बता की इस विधायक की ऐसी गुंडागर्दी से इलाके में दहशत मचा हुआ है और कोई ये सवाल कर रहा है की एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि होने के वावजूद कोई ऐसी हरकत कैसे कर सकता है| जो पुलिसवाले आये दिन इन विधायको को सुरक्षा देते है वो ऐसा कैसे कर सकते है और ये पुलिस का पूरी तरह से अपमान है| उसके बाद किसी का बयान ना आना और फ़ोन बंद कर लेना कही ना कही उससे भी ज्यादा शर्मनाक है|