नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर देश के अंदर भी नेताओं के खूब बयान आ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गाँधी लगातार पीएम मोदी से एक के बाद एक सवाल कर रहे हैं. अब राहुल ने एक चीनी अखबार की खबर को साझा करते हुए कहा है कि चाइना पीएम मोदी की इतनी तारीफ़ क्यों कर रहा है.
ये बोले राहुल- राहुल गांधी ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र की खबर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए पूछा कि चीन ने हमारे सैनिकों को मारा, जमीन पर कब्जा किया. इतने टकराव के बाद भी चीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ क्यों कर रहा है? बता दें कि सर्वदलीय बैठक के बाद से ही कांग्रेस पार्टी लगातार पीएम मोदी के बयान को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल दाग रही है.
पूर्व पीएम ने भी दी नसीहत- अपने बयान में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को नसीहत भी दे डाली, उन्होंने कहा कि हम न तो चीन की धमकियों और दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे, प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षड्यंत्रकारी रूख को बल नहीं देना चाहिए , ये वक्त एक साथ मिलकर चीन को जवाब देना का है, देश को पीएम को अपने शब्दों और ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा और सामरिक हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सजग होना चाहिए.
अपने बयानों में घिरी सरकार- आपको बता दें की पीएम मोदी ने कहा था की ना ही हमारी सीमा में कोई आया है और ना ही कोई घुसपैठ हुई थी. इसके बाद लगातार पीएम के इस बयान की आलोचन हो रही है की उन्होंने भारत-चीन बॉर्डर के मसले पर देश से झूठ बोला है. वही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ दिनों पहले ये कहा था की भारी संख्या में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की है. राहुल ने मनमोहन सिंह के के बयान को कोट करते हुए दिया जवाब- बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बयान ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. राहुल गांधी ने कहा था कि भारत की भलाई के लिए मैं आशा करता हूं कि पीएम मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की सलाह विनम्रता से मानेंगे. बता दें कि देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार से चीन को जवाब देने की अपील की है, साथ ही उन्होंने कहा था कि हम पीएम मोदी और उनकी सरकार से अपील करते हैं कि वो सावधान होकर शब्दों का चयन करें, आज हम इतिहास के नाजुक मोड़ पर खड़े हैं, हमारी सरकार के निर्णय और सरकार के कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करेंगी इसलिएजो भी कहा जाए उस पर सोच-विचार हो.