16 दिसम्बर रात 9:30 बजे की तारिक वही काली तारिक थी जिसने मानवता रूपी शब्द को एक बहुत ही बड़ा और गहरा दाग दिया था।इस काली तारिक के दिन एक मासूम लड़की के साथ कुछ ऐसा हुआ जो कि कोई इंसान नहीं बल्कि जानवर या हेवान ही कर सकता है।उस रात के बाद 16 दिसम्बर की तारिक को काली तारिक के रूप से जानना शुरू कर दिया।इसी काली तारिक को एक होनहार लड़की की इज्ज़त को चलती बस में बुरी तरह से तार-तार कर दिया।देश की एक होनहार लड़की हेवानियत की वजह से सूली पर चढ़ गयी और उसे अपनी अनमोल ज़िन्दगी से हाथ दोना पड़ा।हेवानियत के इस रूप ने पूरे भारत को बुरी तरह से हिलाकर रख दिया था।परन्तु उसके बाद क्या?क्या हमारे देश के लोगों ने निर्भया रेप केस से सभक लिया?क्या निर्भया रेप केस के बाद उन जानवरों में हेवानियत का खात्मा हुआ?
पिछली रात निर्भया रेप केस को पूरे चार साल बीत गए हैं परन्तु आज भी चार साल बीत जाने के बाद अनेक प्रश्नों का न ही उत्तर मिल पाया है और न ही कुछ गुनाओं का न्याय।दामिनी की आत्मा आज भी अपने साथ उस रात हुई दरिंदगी के न्याय के लिए भटक रही है।परन्तु आज वे 5 दरिन्दे खुली हवा में ज़िन्दगी बिता रहे हैं।
इस घटना के बाद पूरा देश को सभक लेने की आवश्यकता थी परन्तु आज भी हमारे देश में हर रोज़ दामिनी जैसी अनेकों लड़कियां इस हेवानियत की वजह से सूली पर चड़ रही हैं।भारत एक आज़ाद देश है परन्तु आज भी लड़कियां अपनी आज़ादी के लिए लड़ रही हैं क्योंकि आज भी देश में उन पांच दरिंदो की तरह और भी दरिन्दे मौजूद हैं।देश में हर रोज़ बलात्कारों के मामले सामने आ रहे हैं,केवल मामले ही सामने आ रहे हैं परन्तु उन मामलों पर न नही ज़्यादा करवाई की जाती है और न ही ज़्यादा गौर किया जाता है।
साल 2015 में देश में 30500 रेप के मामले सामने आए।मामलों की यह गिनिती हर रोज़ बढती ही जा रही है और यदि इस गिनिती पर रोक नहीं लगी तो वो दिन दूर नहीं है जब मानवता और लड़की रूपी शब्द इस दुनिया से बुरी तरह से मिट जाएगा।