अनुशासन एक ऐसा शब्द है जो कि एक फ़क़ीर में भी एक बादशाह की खूबियाँ ला सकता है।ऐसा कहा जाता है कि यदि एक व्यक्ति में अनुशासन हो तो वह विश्व की किसी भी चीज़ को प्राप्त कर सकता है।अनुशासन एक ऐसी चीज़ है जो आपको “क्या” से “क्या कुछ” नहीं बना सकता।ज़िन्दगी के हर पहेलु में अनुशासन का होना अनिवार्य है इसलिए एक बच्चे को स्कूल से ही अनुशासन की सीख दी जाती है जो आगे चलकर उसके लिए सफ़लता का कारण भी बनता है।अनुशासन पर आधारित आज हम इस लेख में आपको भगवान श्री कृष्ण द्वारा कही गई कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप अपनी ज़िन्दगी में अपनाकर इस संसार रूपी सागर को पार कर सकते हैं।
गलतियां ही जीवन का आधार है।गलतियों से ही मनुष्य को सीख मिलती है जिससे कि वह कोई भी कार्य सफलता के साथ करने में सक्षम रहता है।
कृष्ण जी के अनुसार एक व्यक्ति को गुरु से ज़्यादा सीख अपने अनुभवों से मिलती है।
किसी भी कार्य को करने से पहले उस कार्य को करने की रणनीति बनाना बहुत आवश्यक है।
असफलता के बाद भी हार न मानना ही एक बुद्धिमान व्यक्ति का परिचय है।कृष्ण जी के अनुसार मुसीबतों और असफलताओं के बाद भी हिम्मत मत हारो।
ईमानदारी और सच्चाई से दोस्ती निभाओ।दोस्ती में कभी भी अमीरी या गरीबी मत देखो।
किसी के विचारों के बंधन में मत फासो,सदा खुद के विचार विकसित करो।
सादा अच्छे कर्म करो जिससे तुम्हे खुद पर नाज़ हो और हमेशा तुम खुद की इज्ज़त कर पायो।
समय बहुत ही बहुमूल्य वस्तु है।कभी भी इस बहुमूल्य वस्तु का दुरूपयोग न करो।
हमें उम्मीद है कि इस लेख और भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा कही गई इन बातों को अपने जीवन में अपनाकर आवश्य ही आप सफलता के पथ की और अग्रसर होंगे।