यूपी चुनाव में टिकट बाटने के लिए चल रहे घमासान को मुलायम सिंह ने ख़तम कर दिया हैं और कई सारे अखिलेश समर्थको के टिकट काट कर एक बार फिर शिवपाल यादव का साथ दिया हैं | जाहिर हैं की मुलायम के पास दो लिस्ट गई थी जिसमे एक शिवपाल यादव ने 175 लोगो के नाम और वही दूसरी लिस्ट अखिलेश ने दी थी जिसमे 403 लोगो के नाम थे लेकिन मुलायम ने कुछ अखिलेश समर्थको के टिकट काट दिए हैं | 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई हैं जिसमे तीन मंत्रियों समेत 51 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। सूची में 40 यादव और 63 मुस्लिमों को टिकट दिया गया है।
बर्खास्त मंत्रियों को मिला टिकट –
मुख्यमंत्री ने शिवपाल यादव समेत शादाब फातिमा, शिवपाल, ओम प्रकाश सिंह, व राजकिशोर सिंह को मंत्रिमंडल से बाहर किया था। इन्हें सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा सीएम अपने कार्यकाल में समय समय पर जिन मंत्रियों को बर्खास्त किया वह भी सपा के प्रत्याशी बन गये हैं। इनमें राजा अरिदमन सिंह, नारद राय शिवकुमार बेरिया, योगेश प्रताप सिंह, मनोज पारस व अम्बिका चौधरी शामिल हैं।
सत्ता के तीन मंत्रियों का टिकट कटा –
अखिलेश सरकार में वनराज्य मंत्री व अयोध्या से विधायक पवन पांडेय का टिकट काट दिया गया है। सपा ने उन्हें अनुशासनहीनता में पार्टी से बर्खास्त कर चुकी थी। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने उन्हें मंत्री बनाए रखा। मुख्यमंत्री के नजदीकी पंचायती राज मंत्री राम गोविन्द चौधरी का टिकट काटकर नीरज सिंह गुड्डू को उम्मीदवार घोषित किया गया है। कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप को भी झटका लगा है। गोप का टिकट काट कर उनकी जगह केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को उनकी रामनगर सीट से टिकट दे दिया गया है। मंत्री कमाल अख्तर भी प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं, हालांकि उनकी सीट पर कोई प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है।
जारी रहा परिवारवाद –
सपा ने जहा कई सारे मंत्रियों के टिकट काटे लेकिन दिग्गज नेताओं के घराने को बिलकुल ध्यान में रखा गया हैं जिसमे पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा रामनगर से, आजम खां के बेटे आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम रामपुर के स्वार से चुनाव लड़ेंगे। मुलायम सिंह यादव की बहु अपर्णा यादव लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ेंगी।