“ दा ग्रेट यूपी पोलिटिकल ड्रामा ” ये एक ऐसा ड्रामा हैं जिसपे पूरे भारत की नजर हैं और हर कोई जानना चाहता हैं की अब अखिलेश के निष्कासन के बाद आखिर यूपी का सीएम और सपा में सीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा | जाहिर हैं की कल मुलायम सिंह ने अखिलेश को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया तो ऐसे में ये सवाल उठाना बनता हैं और हर कोई इसका जवाब जानना चाहता हैं | तो हम आपको बताते हैं |
ये हैं नियम –
संविधान के अनुसार पार्टी से निकाले जाने के बाद सीएम को सदन में अपने पक्ष में बहुमत साबित करना होता हैं । राज्यपाल को अगर लगता है कि सदन में मुख्यमंत्री बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे तो ऐसे में वो मुख्यमंत्री को अपने पक्ष में बहुमत साबित करने लिए न्यौता दे सकते हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री को सदन में अपने लिए बहुमत साबित करना होगा। मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद सदन के लिए उत्तरदायी होता है। अगर वो बहुमत का समर्थन खो देते हैं तो उन्हें पद छोड़ना होगा लेकिन अगर वह बहुमत साबित कर पाते हैं तो वह पद पर बने रहेंगे।
अखिलेश के पास कितना समर्थन –
आपको बता दें कि सपा के पास 229 विधायक हैं। इनमें से अधिकतर विधायक अखिलेश के समर्थन में हैं और कुछ विधायक शिवपाल यादव के समर्थन में हैं। अखिलेश को पार्टी से निकाले जाने के बाद 175 विधायक समर्थन कर रहे हैं। लेकिन बहुमत साबित करने के लिए उन्हें 202 विधायकों का समर्थन चाहिए हैं ऐसे में अखिलेश के पास 25 विधायक की जरूरत हैं।
कांग्रेस कर सकती हैं समर्थन –
यूपी में 403 विधानसभा हैं जिसमें 40 विधायक कांग्रेस पार्टी के हैं अगर कांग्रेस पार्टी अखिलेश को समर्थन देती है तो अखिलेश बहुमत जीत पाएंगे और यूपी के सीएम बने रहेंगे। लेकिन मुलायम सिंह यादव ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था की उन्हें किसी का साथ नहीं चाहिए ओ ऐसे में देखना होगा की अब आगे क्या होता हैं |
सपा से निकाले जाने के बाद अखिलेश समर्थक सडको में आ गए हैं जिसको देखते हुए लगता हैं की वो अलग अप्रत्य भी बनाएगे तो चुनाव जीत सकते हैं |