यूपी में चुनाव से पहले सपा में मचे घमशान को ख़तम करना मुश्किल सा नजर आ रहा हैं और समझौते के सारे आसार ख़तम होते नजर आ रहे हैं | जाहिर हैं की अखिलेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के बाद सपा में दो गुटों में बट गई जिसका अब एक होना मुश्किल हैं | रामगोपाल यादव ने इन संभावनाओं से इनकार करते हुए कहा कि किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं है और कोई समझौता नहीं होने जा रहा है।
व्यर्थ रही बाप बेटे के बीच मुलाकात –
आपको बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात तकरीबन तीन घंटे तक चली, पहले दो घंटों तक अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह से अकेले मुलाकात की जिसके बाद शिवपाल यादव भी मुलाकात के लिए पहुंचे और तीनों ने एक साथ मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात में किसी भी तरह का सुलह का रास्ता सामने नहीं आ सका, जिसके बाद अखिलेश यादव ने राजधर्म निभाने का फैसला लिया है। मुलाकात के दौरान ना तो मुलायम अखिलेश की बात से सहमत हुए और न ही अखिलेश मुलायम की बातों से तो ऐसे में पार्टी का दो गुटों में बटना तय हैं |
चुनाव चिन्ह पर चुनाव आयोग का फैसला –
रामगोपाल यादव ने कहा कि दोनों पक्षों ने चुनाव आयोग से मुलाकात की और अपनी बातें रख दी हैं और चुनाव आयोग को फैसला लेना है। अखिलेश यादव हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और हम उनके नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वहीं चुनाव चिन्ह पर मचे घमासान पर रामगोपाल यादव ने कहा कि किसी भी तरह का भ्रम नहीं है, जहां तक चुनाव चिन्ह की बात है उस पर चुनाव आयोग फैसला करेगा। अभी भी पार्टी के भीतर चुनाव चिन्ह को लेकर संग्राम मचा हुआ है कि सपा का चुनाव चिन्ह साइकिल किसके खेमे में आता है।
यूपी में चुनाव से पहले हुई इस तकरार से सपा को भयंकर नुकसान होने वाला हैं क्योकि इसके कई सारे जिताऊ प्रत्याशी बागी होते नजर आ रहे हैं |