उत्तर प्रदेश में कल प्रधानमंत्री मोदी ने विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले शायद अपनी अंतिम रैली को सम्भोदित किया. भाजपा की परिवर्तन रैली में कल प्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ में विशाल जनसमूह के समक्ष यूपी में परिवर्तन का बिगुल फूंका. प्रधानमंत्री ने यूपी की रैली में अपने सभी प्रतिदंदियों यानि सपा, बसपा और कांग्रेस को जमकर घेरा.
प्रधानमंत्री की वाकपटुता और उनके कुशल वक्ता होने से उनके विरोधी भी इनकार नहीं कर सकते. शायद यही कारण रहा हो कि प्रधानमंत्री को सुनने के लिए लखनऊ में अपार जनसमूह इकट्ठा था.
भ्रष्टाचार पर विपक्षियों को घेरा
यूपी में भाजपा सपा और बसपा को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर रही हैं. इसी पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने सपा और बसपा को कभी एक साथ देखा हैं ? अगर सपा कहें कि सूरज निकल रहा हैं तो बसपा वाले कहते हैं कि सूरज जल रहा हैं. इतने गहरे विरोध के बावजूद भी दोनों ही पार्टियाँ नोट बंदी के मुद्दे पर एक कैसे हो गयी?
कांग्रेस के विषय में बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 15 साल से ये पार्टी अपने पुत्र को बनाने में लगी हैं लेकिन दाल गलती नज़र नहीं आ रही. और बसपा केवल पैसों की चिंता में मरी जा रही हैं और अपने पैसों को ठिकाने लगाने के लिए दूर दूर के बैंक खोज रही हैं और सपा के बारें में अपने चिर परिचित अंदाज में प्रधानमंत्री मोदी बोलेन कि एक दल ऐसा हैं जो पुरी ताकत से इस चिंता में लगा है कि परिवार का क्या होगा ?
यूपी चुनाव को बताया जिम्मेदारी निभाने का चुनाव
पीएम मोदी ने कहा कि अन्य दलों के लिए ये चुनाव सत्ता हथियाने का चुनाव या मुख्यमंत्री पद पाने का चुनाव हो सकता हैं लेकिन भाजपा के लिए ये चुनाव जिम्मेदारी निभाने चुनाव हैं. इन चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी ने सबका साथ सबका विकास के मूल मन्त्र दिया.
यूपी सरकार को बताया विकास विरोधी
अखिलेश यादव खुद विकास पुरुष साबित करने में लगे हुए हैं. ऐसे में पीएम मोदी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार की प्राथिमिकता में विकास नहीं हैं. केंद्र सरकार ने 14 वें वित्त आयोग के यूपी को ढाई साल में ढाई करोड़ रूपये दिए हैं. अगर केवल केंद्र के दिए पैसे का उपयोग हुआ होता तो प्रदेश का विकास बहुत आगे पहुँच जाता.