आज के समय में यूपी चुनाव इतना अहम् मुद्दा बना हुआ हैं की हर नेता वही के बारे में बात करता हुआ नजर आ रहा हैं , चाहे वह बीजेपी का हो या फिर किसी भी पार्टी का |उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्मृति ईरानी ने निजी यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में बैठी स्कूली छात्राओं और कई गांवों से पहुंची महिलाओं से पहुंचते ही संवाद शुरू किया। महिलाओं और छात्राओं ने प्रदेश का कानून-व्यवस्था, महिला अधिकार और सुरक्षा, महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर खुलकर केन्द्रीय मंत्री से सवाल पूछे।
सवालों के जबाब में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि साइकिल और हाथी की सवारी से विकास के तेज पहिए के साथ चलना नामुमकिन है। इसलिए सवारी को बदल डालो। केंद्रीय मंत्री ने प्रदेश के कई शहरों में लाइव टेलीकास्ट से जुड़ी महिलाओं से भी खुद को जोड़ा। उनके सवालों के जबाब दिए और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कल्याणकारी उपलब्धियों को गिनाया। उन्होने कहा कि ऐसा प्रदेश जहां हुकुमत के नेता बिना रिश्वत के युवाओं को नौकरी नही देते और जहां सुरक्षा का सिस्टम जनता की सुरक्षा से ज्यादा मंत्री की भैस ढूंढने को तरजीह देता हो, ऐसे सिस्टम से आखिर क्या हासिल होगा।
नोट्बंदी पर बोली –
नोटबंदी के मुद्दे पर जनता के हौसले की तारीफ करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने एक सवाल के जबाब में बताया कि देश के सूबों की कई इकाईयों को नोटबंदी के बाद ढाई सौ गुना तक ज्यादा टैक्स मिला है। लेकिन बाबजूद इसके यूपी जैसे राज्य की सरकार में बैठे लोग नोटबंदी का विरोध करके उसे गलत ठहराने में जुटे है। नोटबंदी से सरकारों को मिला पैसा जनता की मूलभूत सुविधाओं में इस्तैमाल होगा और जनता को मुश्किलों से राहत मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने बिजली सप्लाई के मुद्दे पर भी यूपी की अखिलेश सरकार को घेरा। उनका कहना था कि सरकार ने लैपटॉप तो बांटे लेकिन बिजली नही दी।
जाहिर हैं की यूपी के चुनाव हर कोई अपनी पैठ जमाना चाहता हैं और सरकार बनाना चाहता हैं | अब देखना होगा की इन नेताओं के भाषण जनता को कितना लुभाते हैं |