समाजवादी पार्टी के लिए आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. आज समाजवादी पार्टी के दोनों गुटों के लोगों को चुनाव आयोग में पेश होना था. लेकिन जिस तरह की खबरें आ रही हैं उसके बाद ऐसा लेग रहा हैं कि सपा की उलझने अब सुलझ चुकी हैं. आज दोपहर 12 बजे चुनाव आयोग में दोनों पक्ष पहुँच गए थे. अखिलेश यादव खुद को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर चुके हैं ऐसे में उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल चाहिए था. मुलायम सिंह ने खुद को पार्टी का सर्वेसर्वा बताते हुए कहा था कि पार्टी उनकी हैं इसलिए साइकिल का चुनाव चिन्ह उन्हें मिलना चाहिए.
सपा में चल रहे घमासान को लेकर पिता व पुत्र में बैठकों का लम्बा दौर चला. एक मीटिंग में अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव से कहा भी था कि चूँकि उनका खेमा पहले चुनाव आयोग में पहुंचा हैं इसलिए पहले उन्हें ही चुनाव आयोग से साइकिल पर छिडे वाद को वापस लेना चाहिए. आज अखिलेश के समर्थक व सपा के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने मुलायम सिंह से अपील की है कि वो साइकिल से दावा वापस ले लें. आज अखिलेश के साथ रामगोपाल यादव भी चुनाव आयोग पहुंचे. मुलायम सिंह भी आज चुनाव चिन्ह साइकिल पर अपना दावा मजबूत करने चुनाव आयोग गये. दोनों ही गुटों को ये विवाद सुलझाने की जल्दी हैं. क्यूंकि अगर ये विवाद अधिक दिनों तक चलता हैं तो साइकिल चुनाव चिन्ह जब्त भी हो सकता हैं.
अगर सूत्रों की माने तो भले ही सपा में इतनी तकरार चल रहे हों लेकिन पिता का पुत्र के प्रति लगाव तनिक भी कम नहीं हुआ हैं. मुलायम सिंह चाहते हैं कि अखिलेश ही समाजवादी पार्टी का भविष्य बने. अपनी ये ईच्छा नेताजी बहुत बार जाहिर भी कर चुकें हैं. अब सपा में सभी झगड़े सुलझने की कगार पर पहुँच भी गए हैं लेकिन बात केवल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर आकर रुकी हैं. पिता व पुत्र दोनों ही इस पद को अपने पक्ष में करना चाहते है.
हालाँकि पिछले कुछ दिनों में मुलायम सिंह यादव के रुख में नरमी आयी हैं. मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री पद चेहरा बना कर पेश करने की बात भी स्वीकार कर ली. मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग में नरम रहे और उन्होंने ये भी कहा कि