यूपी में नहीं दिख रहे गठबंधन के आसार. बसपा खुश,कांग्रेस हताश.

    0
    997
    Survey: Bjp in benefits from SP feud but preferred choice of CM is Akhilesh

    समाजवादी के अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद अब जल्द ही कांग्रेस भी अपने प्रत्याशियों के नाम उजागर करने वाली हैं. और जिस तरह के कयास लगाये जा रहे हैं उनके अनुसार अब सपा और कांग्रेस में गठबंधन के कोई आसार नहीं हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा ख़ुशी बसपा सुप्रीमों मायावती को हुई होगी.  यदि सपा कांग्रेस और रालोद का गठबंधन हो जाता तो अधिकतर मत इसी गठबंधन की झोली में जाकर गिरते.

    Survey: Bjp in benefits from SP feud but preferred choice of CM is Akhilesh

    क्यूँ हैं बसपा नेता खुश

    मायावती ने पांचवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को पाने के लिए दलित-मुस्लिम कार्ड खेला था. बल्कि अगर हम कहें कि इस बार मायावती ने पिछड़ों को कम सीटें देकर मुस्लिम प्रत्याशियों को अधिक मौका दिया हैं तो कुछ गलत नहीं होगा. ऐसे में कांग्रेस सपा व रालोद का गठबंधन होने की स्थिति में मुस्लिम वोटों का भटकाव बढ़ता और बसपा का मुस्लिम दलित फार्मूला बसपा के लिए कोई करामात नहीं कर पाता. लेकिन जब से अखिलेश यादव ने अपनी उम्मीदवारों की सूची जारी की हैं तब से ही बसपा के नेताओं में ख़ुशी माहोल हैं.  पश्चिमी यूपी में दलित मुस्लिम समीकरण बहुत मजबूत हैं. बसपा के शीर्ष नेताओं का भी ये ही मानना हैं कि बसपा इस पैतरे से चुनावों की दिशा मोड़ने में कामयाब रहेगी.

    बढ़ रही हैं कांग्रेस की दुविधा

    उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की हालत वैसे ही खस्ता हैं. अब सपा के सहारे कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने का सपना संजोया होगा वो भी अब टूटता नज़र आ रहा हैं. ऐसे में कुछ खबरें ये आ रही हैं कि  कांग्रेस अब सपा की जगह रालोद के साथ गठबंधन कर सकती हैं. वहीँ ऐसा होने की भी संभावनाएं हैं कि कांग्रेस को कहीं 89 या उससे भी कम सीटों पर सपा के साथ गठबंधन करके चुनाव न लड़ना पद जाएँ. अगर कांग्रेस सपा के साथ जाती हैं तो इतनी कम सीटों पर चुनाव लड़कर कांग्रेस अपनी ही साख को दांव पर लगा सकती हैं. अगर कांग्रेस इतनी कम सीटों पर प्रत्याशी उतारती हैं तो दोबारा उन जगहों पर पार्टी को मजबूत करना कांग्रेस के लिए चुनोती पूर्ण रहेगा. साथ ही कांग्रेस रालोद जैसे छोटे दल को भी नज़रअंदाज नहीं कर सकती क्यूंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों और गाँव में रालोद की अच्छी पकड़ हैं.

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here