तमिलनाडू की राजनीती में फिर से एक बड़ा बदलाव आ गया हैं. आज रविवार को AIADMK की मीटिंग में शशिकला को पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया. उनके नाम का प्रस्ताव मौजूदा मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने किया. इससे पहले, पार्टी की बैठक में तमिलनाडु के सीएम ओ पनीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. पार्टी के तरफ से शशिकला के सीएम बनने को लेकर जानकारी दी गई है और कहा गया है कि पार्टी महासचिव शशिकला अगली सीएम होंगीं.
शशिकला की राह आसन नहीं
जयललिता की दिसम्बर में म्रत्यु के बाद तमिलनाडु के राजनितिक हालत अस्थिर ही रहे. जयललिता की म्रत्यु की घोषणा के कुछ ही घंटों के अंतराल पर तब मुख्यमंत्री का कामकाज संभाल रहे पनीरसेल्वम को आनन फानन में मुख्यमंत्री पद की शपथ तो दिला दी गयी लेकिन पनीरसेल्वम पार्टी के नेता नहीं बने. ऐसी अटकलें राजनितिक गलियारों में थी कि जल्द ही शशिकला ओपचारिक रूप से सभी कार्यभार संभाल लेंगी. लेकिन शशिकला की राह मुख्यमंत्री बनने का बाद आसान नहीं रह जायेगी. इसका एक कारण ये हैं कि शशिकला कभी सीधे तौर पर राजनीति में शामिल नहीं हुई. शशिकला ने कभी कोई चुनाव भी नहीं लड़ा. ऐसे में उन्हें अपने सक्रिय राजनीति की अनुभवहीनता का खमियाजा भुगतना पड़ सकता है.साथ ही फिलहाल पार्टी के कार्यकर्ताओं में मतभेद भी चल रहे हैं. सबसे बड़ी चुनोती शशिकला के सामने यह है कि तमिलनाडू में विपक्ष की स्तिथि बहुत मजबूत हैं.
दीपा भी हैं बड़ी चुनोती
एक अन्य चुनोती शशिकला के सामने हैं वो हैं दीपा. दीपा जयललिता की भतीजी हैं. आपको याद दिला दें कि दीपा ने शशिकला पे ये आरोप लगाया था कि उनके कहने पर ही दीपा को जयललिता से मिलने नहीं दिया गया. अब ये भी कहा जा रहा हैं कि दीपा भी सक्रिय राजनीति में उतर सकती हैं. ऐसी भी खबरें हैं कि दीपा 24 फरवरी को कोई बड़ा एलान कर सकतीं हैं. 24 फरवरी को जयललिता की जयन्ती भी हैं. इसी कारण ही दीपा ने ये दिन चुना.
शशिकला के मुख्यमंत्री बनने की खबर पर दीपा ने कहा कि तमिलनाडु के लोग यह फैसला स्वीकार नहीं करेंगे. यह बहुत ही गलत निर्णय होगा बिल्कुल सेना के तख्तापलट जैसा. वे लोकतांत्रिक ढंग से चुन कर नहीं आई हैं.’