आज उत्तर प्रदेश में दुसरे चरण के चुनावों के लिए प्रचार का शोर थम जायेगा. आज शाम 5 बजे के बाद कोई भी चुनावी रैली या प्रचार नहीं हो पायेगा. पश्चिम उत्तर प्रदेश के 11 जिलों- सहारनपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत, खीरी, शाहजहांपुर और बदायूं की 67 सीटों के लिए 15 फरवरी को मतदान होना है.
प्रचार के आखिरी कुछ घंटों के चलते सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक कर चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. हालांकि चुनावी शोर थमने के बाद भी नेता जनसंपर्क के माध्यम से अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर सकते हैं.
दूसरे चरण की 67 सीटों के लिए कुल 720 उम्मीदवार मैदान में है जिनमें से सर्वाधिक 22 बिजनौर की बरहपुर और सबसे कम 4 अमरोहा की धनौरा सीट पर किस्मत आजमा रहे है.
ये हैं बड़े नाम
इस चरण में जिन प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है उसमें सपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खां(रामपुर) और पहली बार चुनाव लड रहे उनके पुत्र अब्दुला आजम(स्वार), कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जफर अली नकवी के बेटे सैफ अली नकवी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद(तिलहर) और बीजेपी विधान दल(शाहजहांपुर नगर) के नेता सुरेश खन्ना शामिल हैं. दूसरे चरण में कुल 2.28 करोड लोगों को मताधिकार प्राप्त है इनमें से 1.04 करोड महिलाएं हैं.
इन दो सीटों पर टल गया चुनाव
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की एक-एक विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों के निधन के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया है. चुनाव आयोग ने नई दिल्ली में कहा कि उत्तर प्रदेश की अलापुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट पर सपा प्रत्याशी चंद्रशेखर के निधन की वजह से चुनाव स्थगित किया गया है. इसी तरह उत्तराखंड में कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी कुलदीप सिंह कंवासी की एक सड़क दुर्घटना में निधन होने के कारण चुनाव टाल दिया गया है.
सभी बड़े नेताओं ने किया प्रचार
इस चरण में भी मतदाताओं को रिझाने के लिए सभी बड़े नामों में पुरे जोर लगायें. बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चुनाव प्रचार की अगुवाई की और साथ ही केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत दर्जन भर मंत्री भी भगवा बिग्रेड की संभावनाएं चमकाने में जुटे रहे तो वहीं कांग्रेस सपा गठबंधन की ओर से राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने धुआंधार प्रचार किया. हालाँकि यहाँ भी प्रियंका गाँधी प्रचार के दौरान नहीं दिखाई दी. बसपा की पर से मायावती ही ओने मन आर्मी की तरह प्रचार करती दिखी.