उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक ओर चुनाव प्रचार में लगे नरेंद्र मोदी को बनारस में मिलते अपार जनसमर्थन ने सपा कांग्रेस गठबंधन की नींदे उडा रखी हैं तो दुसरी ओर सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर चल रहे बलात्कार के मुकदमें के चलते अखिलेश यादव की बहुत किरकिरी हो रही हैं.
अमित शाह ने इस पूरे प्रकरण के चलते प्रदेश की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि अगर प्रदेश पुलिस बलात्कार को आरोपी मंत्री को नहीं पकड़ पा रही हैं तो आम लोगों की सुरक्षा कैसे होगी? प्रदेश के राज्यपाल ने भी मुख्यमंत्री से सवाल पूछा कि ऐसा व्यक्ति जिस पर बलात्कार जैसा गंभीर आरोप लगा हैं अभी तक कैसे मंत्री पद पर विराजमान हैं? अब हालात ये हैं कि अखिलेश यादव के मंत्री गायत्री प्रजापति फरार चल रहे हैं और इन्हें पुलिस ढूंढ रही है. यही वजह है कि चुनाव के मैदान में हर दिन गायत्री की फरारी का मुद्दा गुंज रहा है और निशाने पर अखिलेश यादव और उनकी सरकार है.
आपको बता दें कि गायत्री प्रजापति पर रेप का मुकदमा सुप्रीम कोर्टके पुलिस को आदेश देने पर दर्ज हुआ था. तभी से गायत्री प्रजापति का नाम सुर्ख़ियों में बना हुआ हैं. इसके बाद से गायत्री फरार चल रहे हैं. उनकी तलाश में यूपी पुलिस भटक रही है. कोर्ट के आदेश के बाद यूपी पुलिस ने गायत्री प्रजापति और उनके सहयोगियों अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास शर्मा, चंद्रपाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 376डी, 511, 504, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज किया है.
ये हैं मामला
ये मामला ल 2014 में नौकरी और प्लॉट दिलाने के बहाने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में महिला के साथ गंग रेप करने का हैं. साथ ही अश्लील वीडियो बनाकर 2016 तक महिला व उसकी बेटी की प्रताड़ित करने के आरोप गायत्री प्रजापति पर लगे हैं.
गायत्री खुद तो फरार हैं, लेकिन उनके वकील सामने आए हैं और गायत्री के खिलाफ लगे आरोपों को साजिश बता रहे हैं. वहीं पीड़ित के वकील गायत्री के खिलाफ पुलिस की जांच पर ही सवाल उठा रहे हैं. अब सवाल गायत्री की सम्पति पर भी उठ रहे हैं. गायत्री प्रसाद प्रजापति साल 2002 तक गरीबी रेखा के नीचे आते थे. साल 2012 में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 1.83 करोड़ रुपये बताई थी.