यूपी चुनाव : बीजेपी के हारने और जीतने से ऐसे बद्लेगे देश में समीकरण

0
1217
Equation will change in the country on losing or winning bu BJP

यूपी चुनाव केवन एक राज्य का चुना नहीं हैं , यह पूरे देश का चुनाव हैं क्योंकि  कहा जाता हैं की यह केंद्र की राजनीति में सीधा असर डालता हैं और हो भी क्यों ना आखिर देश के सबसे बड़े राज्य जहां से 80 सांसद लोकसभा जाते हैं और 30 राज्यसभा सांसद यहां से जाते हैं | आइये जानते हैं की हार और जीत से बीजेपी का क्या होगा |

मोदी के फैसले पे असर –

अगर यूपी में भाजपा को हार का सामना करना पड़ता है तो सबसे बड़ा सवाल प्रधानमंत्री मोदी के उन फैसलों पर खड़ा होगा, नोटबंदी पर प्रधानमंत्री तमाम रैलियों में कहते रहे हैं कि उनके इस ऐतिहासिक फैसले को जनता का पूर्ण समर्थन प्राप्त है और देश की गरीब जनता ने उनका इस फैसले में साथ दिया है। वही जीत से ना सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन तमाम फैसलों पर जनता के समर्थन की मुहर लगाएगी बल्कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के लिए एक मजबूत नींव भी खड़ी करेगी।

मोदी ब्रांड होगा मजबूत –

अगर बीजेपी जीतती हैं तो जाहिर हैं इसका श्रेय मोदी को दिया जाएगा क्योंकि एक पीएम होने के बाबजूद मोदी ने अपना बहुत समय यहाँ दिया हैं और बीजेपी ने मोदी को ही ब्रांड बना कर यहाँ का चुनाव लड़ा हैं |

Equation will change in the country on losing or winning bu BJP

पार्टी में बढ़ेगी मोदी-शाह की पकड़ –

यूपी में जिस तरह से पिछड़ी जाति के समीकरण को साधने के लिए अमित शाह ने उन तमाम छोटे दलों के साथ गठबंधन किया वह पार्टी के लिए काफी अहम साबित हो सकता है। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी बड़ी रैलियों को संबोधित कर रहे थे तो दूसरी तरफ अमित शाह ने छोटी-छोटी रैलियों के जरिए पार्टी के लिए जनसमर्थन हासिल करने की कोशिश की। ऐसे में यूपी में जीत एक बार फिर से पीएम मोदी और शाह की ना सिर्फ प्रतिष्ठा को फिर से स्थापित करेगा बल्कि पार्टी पर उनकी पकड़ को भी मजबूत करेगा।
आलोचकों की बढ़ेगी मुश्किल –

जो मोदी और शाह का विरोध करता है, शत्रुघन सिन्हा, कलराज मिश्रा, जसवंत सिन्हा, कीर्ति आजाद, अरुण शौरी सहित तमाम ऐसे नेता हैं जो पार्टी के भीतर शाह और मोदी के अधिपत्य की परोक्ष या अपरोक्ष रूप से आलोचना करते हैं, ऐसे में यूपी जैसे बड़े राज्य में पार्टी की जीत आलोचकों के लिए भी काफी मुश्किल खड़ी कर सकती है।

राष्ट्रपति चुनावों में –

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल इसी वर्ष जुलाई माह में समाप्त हो रहा है, यही नहीं नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरु हो चुकी है, राष्ट्रपति के चुनाव में प्रदेश के विधानसभा सदस्य काफी अहम भूमिका निभाते हैं, इस लिहाज से यूपी में भाजपा की जीत उसे अपनी पसंद का राष्ट्रपति चुनने में भी मदद करेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here