उत्तर प्रदेश में मतदान के बाद व परिणामों से पहले एग्जिट पोल के चर्चे हर जगह हो रहे हैं.इन एग्जिट पोल में भाजपा को सबसे अधक सीटें मिलती दिख रही हैं. ऐसे में सपा के कुछ नेताओं ने अटपटे से बयान भी दियें जिससे ये लगने लगा हैं कि सपा में भीतर हे भीतर कुछ हलचल तो जरुर चल रहे हैं लेकिन सबसे बड़ा बयान सपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डाला. एक इंटरव्यू में अखिलेश ने कहा कि वो बसपा सुप्रीमों की एक रिश्तें के लिहाज से इज्ज़त करते हैं. साथ अखिलेश ये भी बोलेन कि वो या कोई भी ये नहीं चाहता कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागु हो और बीजेपी केंद्र में बैठकर रिमोट से प्रदेश की सरकार चलायें. यानि सपा और बसपा का हाथ मिल सकता हैं.
इसके बाद से ही भाजपा में टेंशन व राजनितिक गलियारों में नयी चर्चाओं का दौर जारी हैं. ऐसा ही कुछ आज रज बब्बर ने भी कहा. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति से संबंधित सवाल पूछे जाने पर राज बब्बर ने कहा कि उनकी पार्टी ने केंद्र में 10 साल तक सरकार चलाई है जिसमें एसपी और बीएसपी दोनों शामिल थीं. हालांकि, एग्जिट पोल को लेकर उन्होंने विश्वसनीयता नहीं जाहिर की और बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि 11 मार्च को नतीजे देखने लायक होंगे.
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष एग्जिट पोल पर कह चुके हैं कि इस बार भी एग्जिट पोल की हालत बिहार जैसी ही होगी. यूपी में सपा और कांग्रेस गठबंधन ही सरकार बनाएगी. आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी सभी एग्जिट पोल को खारिज करते हुए उत्तरप्रदेश में समाजवादी और कांग्रेस पार्टी के गठबंधन की सरकार बनने का दावा किया है. लालू प्रसाद यादव ने कहा कि एग्जिट पोल हमेशा फेल होते हैं बिहार में उन्होंने बीजेपी को आगे दिखाया था लेकिन नतीजा क्या निकला सबके सामने है. उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश के रिजल्ट का असर बिहार में नहीं होगा. वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने भी एग्जिट पोल को खारिज कर दिया है.
इसी बीच भाजपा के नेता योगी आदित्यनाथ का बयान भी आ गया हैं. बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम राज्य में सरकार बना रहे हैं, हमें किसी भी गठबंधन की जरुरत नहीं है. योगी बोले कि अखिलेश को बोलना चाहिए कि मायावती के खिलाफ साजिश किसने की थी.