योगी सरकार को आज हाईकोर्ट ने यह कहकर बड़ा झटका दे दिया कि सरकार जबरदस्ती लोगों को शाकाहारी बनने के लिए मजबूर नहीं कर सकती. साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट ने 60 पेज का अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि बूचड़खाना बनाना सरकार और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है.
आपको याद दिला दें कि प्रदेश में योगी सरकार ने सत्ता में आते ही फटाफट अवेध बूचड़खानो को बंद करना शुरू कर दिया था. आज कोर्ट ने यूपी सरकार की उस दलील को खारिज किया जिसमें सरकार ने कहा था कि बूचड़खाने बनाना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है.
राज्य सरकार को दिए निर्देश जल्दी निकालें हल
हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के भीतर अवैध बूचड़खानों को बंद करने के मामले में राज्य सरकार को ये निर्देश भी दिए कि सरकार 17 जुलाई तक इस मामले में हल लेकर आए. प्रदेश सरकार के बूचडखानों को बंद करने के आदेश के बाद छोटे छोटे मांस व्यापारी बहुत परेशान हुए थे. योगी सरकार ने अपने सबसे बड़े फैसले के तौर पर अवैध बूचड़खानों पर रोक लगाई थी. साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह 17 जुलाई तक मीट की दुकानों और बूचड़खानों को नए लाइसेंस देने के साथ ही उनके पुराने लाइसेंस रिन्यू करें. अब हाईकोर्ट का यह फैसला मीट कारोबारियों के लिए बड़ी राहत है.
और भी हैं प्रदेश सरकार के फरमान
उत्तर प्रदेश सरकार के फरमान केवल बूचड़खानों को बंद करने तक ही सीमित नहीं रहे हैं बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को भी पूरी तरह से बदलने का फरमान जारी कर दिया हैं. योगी जी का कहना हैं कि यूपी बोर्ड की पुस्तकों में अब बाबर, अकबर व औरंगजेब को आक्र्न्ताओं यानी आक्रमणकारियों के रूप में पढ़ाया जाएगा. अभी तक यूपी बोर्ड की पुस्तकों में मुग़ल वंश के शासकों को भारत के राजाओं की तरह पढाया जा रहा था. आज उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने ये ऐलान कर दिया कि प्रदेश में नये शैक्षिक सत्र से NCERT की पुस्तकें लागू की जायेगी. इसके बाद ऐसा लगने लगा हैं कि अब प्रदेश में शिक्षा नीति पुरी तरह से बदलने वाली हैं.