उत्तर प्रदेश में शिक्षा नीति को लेकर तमाम बदलाव किये जा रहे हैं. योगी सरकार का प्रदेश कई शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त केने की और भी पूरा फोकस हैं. आज इसी विषय से जुडी एक बड़ी खबर सामने आयी हैं और वो हैं कि अब सरकारी स्कूलों में शनिवार के दिन को स्टूडेंट्स बेग नहीं ले कर आयेंगे. ये रहा है इस घोषणा से जुडा सरकारी आदेश.
असल में प्रदेश सरकार चाहती हैं कि शनिवार के दिन प्रदेश के सरकारी स्कूल महंगे स्कूलों की तरह फन एक्टिविटी कराएँ. जिससे बच्चों का संपूर्ण विकास हो सके. इसे प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री और एजुकेशन मिनिस्टर दिनेश शर्मा ने मंजूरी दे दी है. सरकार का मानना है कि इससे छात्रों एवं अध्यापकों के बीच मधुर संबंध स्थापित हो सकेंगे. छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व का भी विकास हो सकेगा.
इसके साथ ही प्रदेश की सरकारी शिक्षा व्यवस्था को मोर्डेन रूप देने के लिए प्रदेश सरकार की नई पहल ये भी होने वाली हैं जिसमें को-एड शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा. उप मुख्यमंत्री दिओनेश शर्मा ने बताया कि अब सभी राजकीय बालक माध्यमिक विद्यालयों में सह-शिक्षा शुरू की जाएगी. यदि कोई बालिका इन विद्यालयों में प्रवेश लेना चाहे तो वह प्रवेश ले सकती है. राजकीय बालिका विद्यालयों की व्यवस्था पहले की तरह चलती रहेगी.
प्रदेश में शिक्षा के ऊंचे मापदंड स्थापित करने के लिए अब प्रदेश सरकार शिक्ष्ाकों पर भी कड़ी निगरानी रखने की बात कही जा रही है. इसके लिए सभी शिक्षकों का सर्विस रिकॉर्ड रखने के आदेश दिए गए हैं.
अधिकतर सरकारी शिक्षक अन्य सरकारी कार्यों में व्यस्त होने की बात कहते रहते हैं. उप मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को एक सप्ताह में प्रस्ताव तैयार कर पेश करने के लिए कहा है. उन्होंने प्रमुख सचिव से कहा कि शिक्षकों को जनगणना, निर्वाचन एवं प्राकृतिक आपदा के अलावा अन्य किसी कार्यों में इनकी ड्यूटी न लगाई जाए. इसके लिए भी एक प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है. प्रदेश में सीबीएसई की भांति ही NCERT की पुस्तकें लागू करने का भी निर्णय up मुख्यमंत्री दिनेश कुमार पहले ही सूना चुके हैं.
इससे पहले भी प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कुछ बिंदुओं पर बात तय हुई थी जिनमें से एक टीचर्स के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होना भी हैं.