मंगलवार को बिहार की राजनीति में हलचल मच गई थी जब लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट किया था कि बीजेपी को नए अलायंस पार्टनर्स मुबारक हों. लालू झुकने और डरने वाला नहीं है. जब तक आख़िरी सांस है फासीवादी ताक़तों के ख़िलाफ़ लड़ता रहूंगा. इसके बाद ये लगने लगा था कि कहीं लालू व उनके परिवार पर लगे आरोपों के बाद कहीं नीतीश बिहार में महागठबंधन से अलग होकर फिर से भाजपा की और न चले जाएँ. नीतीश कुमार का सबसे बड़ा सकारात्मक पहलु ये हैं कि उनकी छवि बेदाग़ हैं लेकिन उनका जनाधार लालू यादव जितना व्यापक नहीं हैं. और लालू पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हुए हैं लेकिन उनका जनाधार अभी भी काफी मजबूत हैं. अब ये देखना दिलचस्प रहेगा कि नितीश अपनी बेदाग़ छवि को बचाने के लिए लालू यादव से अलग होंगे या सत्ता में रहने के लिए लालू यादव के साथ रहना पसंद करेंगे.
लालू ने ये कहा अपनी सफाई में
लालू यादव भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरें हुए हैं. ऐसे में आज अपना पक्ष रखते हुए लालू यादव ने आज भाजपा पर उनकी छवि को खराब करने का आरोप लगाया. लालू यादव का कहना हैं कि भाजपा उनसे डरी हुई हैं इसलिए उम पर उलटे सीधे आरोप लगा रहे हैं. अपने पर लगे आरोपों पर लालू यादव का कहना हैं कि “कोई भी प्रापर्टी है हमारे लोगों ने दिया तो इसमें क्या है हमने सरकार को उसका जो चार्ज है दिया है सब रिटर्न में है. पाई-पाई का हिसाब है. बेल पका तो काउआ के बाप का क्या, हमने राजगीर में जो शिविर में ऐलान किया तो उसके खिलाफ बीजेपी हमारे खिलाफ कार्रवाई कर रही है.”
छापेमारी को लेकर लालू ने कहा कि 22 जगह छापेमारी कहां हुई, बताइए? 22 जगह छापे की बात से मेरी इमेज को नुकसान हुआ है. आज लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट करके बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा है. लालू यादव से जब यह सवाल पूछा गया कि नीतीश कुमार और जेडीयू उनके पक्ष में क्यों नहीं बोल रहे हैं? तो इस सवाल का जबाब देते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि यह मुझपर व्यक्तिगत हमला है तो नीतीश इसका जबाब क्यों देंगे. महागठबंधन के विषय पर लालू ने कहा, “महागठबंधन अटूट हैं, और इसमें किसी तरह का बिखराव बिल्कुल झूठा है, ट्विस्ट किया है. यह बीजेपी मीडिया का है, इसका एंगल यही था कि नीतीश का बीजेपी से गठबंधन हो रहा है.