पंजाब के पूर्व डीजीपी केएस गिल का निधन दिल का दौरा पड़ने से हो गया | वो 82 वर्ष के थे और दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में उन्होंने अंतिम साँस ली | केपीएस गिल का जन्म पंजाब के लुधियाना में 1934 को हुआ। उन्होंने सन 1958 में पुलिस सेवा ज्वाइन की थी। 2006 में सुरक्षा सलाहकार रहते हुये उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार को बस्तर की तीन सड़कों के निर्माण की अनुशंसा की थी।
गिल ने भारतीय पुलिस सेवा में अपने कैरियर की शुरुआत पूर्वोत्तर के राज्य असम से की थी। शुरुआती दिनों में ही उन्होंने खुद को एक सख्त अधिकारी के रूप में स्थापित कर लिया था।
ऑपरेशन ब्लू स्टार की अगुआई की थी
ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान गिल ने ही अगुवाई की थी। इसके अलावा सिख बहुल राज्य पंजाब में अलगाववादी आंदोलन को कुचलने का मुख्य श्रेय गिल को ही मिला। पंजाब में मिली सफलता के बाद अपराधियों के बीच उनके नाम से घबराहट फैलने लगी थी।
80 के दशक में जब पूरा पंजाब आतंकवाद की आग में झुलस रहा था तब उन्होंने खालिस्तानी आतंकवादियों से काफी सख्ती से निपटा था। उन्होंने राज्य में आतंकवाद की कमर तोड़ने में अहम भूमिका निभाई थी।
सख्त मिजाज
पुलिस से सेवानिवृत होने के बाद भी वह विभिन्न सरकारों को आतंकवाद विरोधी नीति निर्माण के लिए सलाह देने में हमेशा व्यस्त रहे। पिछले साल श्रीलंका सरकार ने भी उनकी सलाह ली। गिल फ़ॉल्टलाइन्स पत्रिका प्रकाशित करते थे और इंस्टीट्यूट ऑफ़ कन्फ़्लिक्ट मैनेजमेंट नामक संस्था चलाते थे। उन्होंने ‘द नाइट्स ऑफ़ फ़ाल्सहुड’ नामक एक किताब भी लिखी थी। .
लग चूका हैं यौन उत्पीडन का आरोप
पंजाब की एक वरिष्ठ महिला अधिकारी ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अदालत ने इस मामले में गिल पर भारी ज़ुर्माना लगाया और जेल की सजा भी सुनाई थी। बाद में जेल की सजा माफ़ कर दी गई थी।