जहाँ एक तरफ मोदी सरकार देश को डिजिटल बनाने का सपना देख रही हैं और हर एक घर में बिजली पहुचने का वादा कर रही हैं तो वही दूसरी और लगातार अस्पतालों में मरीजो की मौत हो रही हैं \ अभी हाल ही में एक घटना सामने आई हैं जिसमे आंधप्रदेश के जिला कुरनूल के गवर्मेंट अस्पताल में 12 घंटे तक गुल रही बिजली ने 20 मरीजों की जिंदगी ले ली। रातभर गायब रही बिजली की सुध ना अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों ने ली और ना ही बिजली विभाग के कर्मियों ने, इसका नतीजा ये निकला कि 20 मरीजों की मौत हो गई। भंयकर लापरवाही के इस मामले पर राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। बुधवार शाम से गुरूवार सुबह तक अस्पताल में बिजली नहीं थी, जिससे जीवनरक्षक मशीने तक बंद हो गईं और 20 मरीजों की जान चली गई।
बुधवार शाम सात बजे गई बिजली , अगले दिन सुबह आई
अस्पताल में बुधवार शाम 7 बजे बिजली की सप्लाई बंद हुई जो गुरुवार सुबह करीब सात बजे तक नहीं आई। कोई भी सीनियर डॉकटर इसस दौरान ड्यूटी पर नहीं था। जब अस्पताल में हाहाकार मच गया तो गुरुवार सुबह को डॉक्टर और सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंचे। मरने वाले 20 मरीजों में आठ बच्चे और दो महिलाएं हैं। घटना से पूरे शहर में कोहराम मचा है।
सभी गरीब परिवार के
खबर के मुताबिक, मरने वालों में सभी गरीब मरीज हैं। जिनके तीमारदारों ने रात में स्टाफ से उनकी तबीयत बिगड़ने की बात कही तो उन्हें देखने की बात कहकर टरका दिया। बताया जा रहा है कि अस्पताल के पास स्थित एक पुलिस चौकी पर अवैध रूप से बिजली जलाए जाने की वजह से अस्पताल की बिजली गुल हो गई। पुलिसकर्मियों का कहना है कि उन्होंने रात में बिजलीकर्मियों को अवगत कराया था लेकिन कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। अस्पताल स्टाफ का कहना है कि लाइनमैन को भेजने के लिए कई दफा बिजलीघर फोन किया गया लेकिन रात में कोई नहीं आया और सुबह होने पर ही बिजली ठीक की गई। आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कमनेनी श्रीनिवास ने मामले पर रिपोर्ट मांगी है।