अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार जम्मू-कश्मीर के उरी में हमला करने वाले आतंकियों के साथ पकड़े गए दो पाकिस्तानी बच्चे दसवीं के स्टूडेंट हैं. ये बच्चे रास्ता भटक कर सीमा के इस पार आ गये थे. अखबार ने इन दो में से एक बच्चे के परिवार से भी बात की है.
विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि ये बच्चे स्वीकार कर चुके है कि इन्होने आतंकियों की मदद की. पाक के कब्जे वाले कश्मीर के कूमी कोट गांव के पास स्थित पोथा जंदगरन निवासी फैजल हुसैन अवान और उसके मुजफ्फराबाद के हट्टियां बला तहसील स्थित खिलायना खुर्द निवासी एहसान खुर्शीद को भारतीय सेना ने आतंकी हमलों के तीन दिन बाद 21 सितंबर को गिरफ्तार किया था.
इन दोनों पर 24 सितम्बर को सेना ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि दोनों किशोर ‘पाक अधिकृत कश्मीर के रहने वाले हैं और जैश-ए-मुहम्मद के लिए काम करते हैं.
अखबार से बात करते हुए इनमें से एक किशोर के स्कूल के प्रिंसीपल ने कहा कि वह रास्ता भटकर सीमापार चला गया था.
उरी में सेना पर आतंकवादियों के इस हमले में 19 सैनिक शहीद हो गये थे. इन दोनों किशोरों का गाँव सीमा पार है. जिसकी दूरी उरी से केवल 1 घंटे में तय की जा सकती है.
NIA के अनुसार अभी इन किशोरों से पूछताछ चल रही है. स्कूल द्वारा दिए गये डाक्यूमेंट्स के अनुसार इनकी आयु 16 बताई जा रही है.