सिर्फ चेहरों से नहीं बनती फिल्म
जब बॉलीवुड इंडस्ट्री की बात आती है, तो फिल्मों का ख्याल सबसे पहले मन मे आता है और जब फिल्मों का ख्याल सबसे पहले मन में आता है, तो ध्यान प्रड्यूसर-डायरेक्टर, फिल्म के टाइटल, एक्टर, एक्ट्रेस इन सब पर जाता है। क्योंकि हमें लगता है कि इन सब से ही मिलकर एक फिल्म बनती है। परंतु हम यहां पर गलत है बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिनके बिना फिल्म तैयार हो ही नहीं सकती और उसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं, आज हम वही बताएंगे।
स्पॉटबॉय
जब शूटिंग शुरू होने वाली होती है और सेट पर अफरा तफरी मची रहती है। ऐसे में सब लोग स्पॉट बॉय को तलाशते हैं। कहने को तो इनका काम सेट पर छोटा मोटा होता है। परंतु यह बहुत ही बड़ा काम करते हैं। जब लोग शूटिंग में बिजी होते हैं। उस समय स्पॉट बॉय उनके काम मे मदद करते है। इसलिए उनका भी बहुत ही अहम रोल होता है फिल्म बनने में।
फूड कैटरर्स
अब इतनी बड़ी फ़िल्म की शूटिंग कर रहे हैं तो काम करते-करते सभी थक जाते हैं। ऐसे में सभी क्रू मेंबर्स को खाना दिया जाता है और सब की अलग अलग पसंद होती है उस हिसाब से अलग-अलग फूड कैटरर्स से संपर्क किया जाता है। वह सेट पर सब के हिसाब से खाना बनाते हैं और उनको खाना खाने को देते हैं। जैसे ही खाना हो जाता है दोबारा से सब अपनी शूटिंग में व्यस्त हो जाते हैं।
मेकअप आर्टिस्ट
यह बात हम सब जानते हैं, कि जो हमें फिल्मी दुनिया में लोग दिखाई देते हैं वह सब असल जिंदगी में थोड़ा अलग होते हैं। उनका चेहरा असल जिंदगी में कुछ अलग होता है और उस चेहरे को सुंदर बनाने के पीछे और उनको अलग अलग किरदार में ढालने के पीछे मेकअप आर्टिस्ट का हाथ होता है। उनके चलते ही पा जैसी फिल्म में अमिताभ बच्चन का चेहरा बदलता है। और पता ही नहीं लगता की अमिताभ बच्चन है। इसलिए मेकअप आर्टिस्ट भी फिल्म पूरी होने में अहम रोल निभाते हैं।
साउंड आर्टिस्ट
अब आप सोच रहे होंगे कि साउंड आर्टिस्ट का क्या काम है। परंतु जब आउटर लोकेशन पर बहुत ज्यादा काम होता है और बहुत सारी भीड़ भाड़ होती है तो साउंड आर्टिस्ट बहुत अहम रोल निभाते हैं। यह अलग-अलग तकनीक से लोगों तक अपनी आवाज पहुंच जाते हैं।
फॉली आर्टिस्ट
अब इनकी बात करें तो इनका हुनर वाकई में बहुत कमाल का होता है। आप सब जानते हैं कि ज्यादातर सभी फिल्में आउटर लोकेशन पर बनती हैं तो उनमें जो जूते की आवाज है, दरवाजे की आवाज है, यह सब अच्छे से कैद नहीं हो पाती। इसलिए यह आर्टिस्ट इन सब चीजों की आवाज अपनी कला से निकालते हैं। यहां तक कि लोग बादल की कड़कड़ाहट की आवाज भी अपनी कला से निकाल देते हैं।
इसके अलावा और भी लोग फिल्म बनने में बहुत मदद करते हैं जैसे कि लाइटमैन, कॉस्टयूम डिजाइनर,
स्टंट कोऑर्डिनेटर इत्यादि।