गुजरात चुनाव प्रचार अपने उफान में हैं और बीजेपी को खुद पर और मोदी पर इतना अधिक भरोसा हैं की पोलिंग के तीन दिन शेष रहते भी उन्होंने अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया | कम से कम अब तक तो ऐसा ही दिख रहा है। शनिवार को गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पहले चरण का मतदान होगा और अब तक भाजपा की ओर से उनका संकल्प पत्र जारी नहीं किया गया है। साल 2012 में, भाजपा ने 3 दिसंबर को गुजरात का संकल्प पत्र दस दिन पहले जारी किया था। साल 2012 में 13 दिसंबर को पहले चरण का मतदान हुआ था।
तैयार हो रहा हैं घोषणापत्र – बीजेपी
पार्टी के सूत्रों ने कहा कि संकल्प पत्र पिछले कई हफ्तों के लिए तैयार हो रहा है। लेकिन वे यह भी कहते हैं कि देरी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, जैसा कि वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि मोदी की अपील के आगे इसका कोई असर नहीं होगा। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने पुष्टि की कि गुजरात भाजपा जल्द ही अपना घोषणा पत्र जारी करेगी।
सर्वे में व्यापारी नहीं हैं बीजेपी से खुश
वहीं गुजरात में भाजपा के मुख्य प्रतिद्वंदी, कांग्रेस ने भी अपना घोषणापत्र सोमवार को जारी कर दिया। वहीं गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले एबीपी न्यूज और सीएसडीएस ने प्रदेश में ओपिनियल पोल किया है। ओपिनियन पोल 50 विधानसभा बूथों पर 26-30 नवंबर के बीच ये पोल किया गया है। सर्वे में 3665 लोगों ने अपनी राय रखी।
प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों को 43-43 फीसदी वोट मिल रहे हैं। वहीं सीटें भाजपा को 95 तो कांग्रेस को 82 सीटें मिल रही हैं। सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सुधारों से गुजरात के व्यापारी खुश नहीं हैं।
उत्तर गुजरात में भाजपा को 45 फीसदी जबकि कांग्रेस को 49 फीसदी वोट मिल रहे हैं। सौराष्ट्र में गांव की 54 सीटों पर कांग्रेस को 49 और भाजपा को 43 फीसदी वोट मिल रहे हैं। दक्षिण गुजरात में भाजपा को 40 और कांग्रेस को 42 फीसदी वोट मिल रहे हैं। मध्य गुजरात में भाजपा को 41 और कांग्रेस को 40 फीसदी वोट मिल सकता है।
जाहिर हैं की एक बड़ा व्यापारी वर्ग मोदी सरकार से नाराज हैं जिसकी वजह हैं जीएसटी | सुनने में आ रहा हैं की व्यापारी अपनी रसीद में ईख दे रहे हैं कमल का फूल हमारी भूल | अब देखना ये दिलचस्प होगा की इतने विरोध के बाबजूद आखिर मोदी सरकार कैसे अपनी सत्ता गुजरात में जमाती हैं |