आमजन में एक कहावत कही जाती है की “ एक पारस पत्थर होता था उसको किसी भी चीज में लगाने से वो चीज सोना बन जाती थी “| ऐसा ही कुछ था मध्यप्रदेश के मामा शिवराज के साथ की जिस सीट में वो प्रचार करते थे वहां बीजेपी भारी बहुमत से जीत जाती थी लेकिन अब ये परस का पत्थर बेअसर होने लगा और शिवराज के घनघोर प्रचार के बाद भी मुंगावली और कोलारस की सीट बीजेपी हार गई है | दोनों सीटों पर कांग्रेस और सत्ताधारी भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला हुआ, जिसमें कांग्रेस को जीत मिली। अशोकनगर जिले मुंगावली सीट पर कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह यादव ने भाजपा की बाई साहब यादव को 2,124 वोटों से हराया। कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र यादव को 70808 वोट मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी बाई साहब को 68684 वोट मिले। वहीं शिवपुरी जिले की कोलारस सीट पर 19 राउंड की काउंटिंग के बाद कांग्रेस के महेंद्र सिंह ने भाजपा के देवेंद्र कुमार पर 6600 वोटों की बढ़त बना ली है। इस सीट पर कांग्रेस ने बीजेपी को हराते हुए 8083 वोटों से जीत हासिल की। कांग्रेस को 82515 वोट हासिल किए जबकि बीजेपी को 74432 मिले।
क्यों बढ़ी बीजेपी की मुश्किलें –
मुंगावली और कोलारस सीट गुना लोकसभा क्षेत्र के तहत आती हैं। गुना लोकसभा से कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद हैं। कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं। उपचुनाव में एक तरफ सिंधिया ने कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए 70 से ज्यादा सभाएं की तो वहीं भाजपा ने भी इन सीटों को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया हुआ था। शिवराज सिंह ने यहां लगातार सभाएं की, इतना ही नहीं गांवों में रुककर रात भी गुजारी और लोगों से वोट मांगी। इस चुनाव को मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल की तरह से भी देखा जा रहा है।
अब कांग्रेस को मिली इस सीट से ज्योतिरादित्य सिंधियां को कांग्रेस की तरफ से सीएम कैंडिडेट बनाये जाने की माग जोर पकड़ने लगी है और सिंधिया के सीएम कैंडिडेट आ जाने से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ जायेगी क्योकि सिंधिया जमीनी स्तर में अपनी एक मजबूत पकड़ रखते है | जाहिर है की केंद्र से अधिक सिंधिया मध्यप्रदेश में एक्टिव है और उन्होंने मदसौर में हुए किसान हत्याकांड में काफी रैलियां और सभाएं की थे जिसकी वजह से उनका कद मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रहा है |
शिवराज ने लगाया था जोर –
मुन्ग्वाली और कोलारस विधानसभा सीटे जीतने के लिए बीजेपी के सभी मंत्री मैदान में थे और घर घर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे थे जबकि कांग्रेस की तरफ से ज्योतिरादित्य शामिल थे जिसकी वजह से कांग्रेस की जीत हुई | आपको बता दे साल के अंत में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है |