असम के मंत्री ने कही ये बात –
अगर बीजेपी चीफ अमित शाह परा स्नातक के छात्र हैं तो कांग्रेस चीफ राहुल गांधी अभी नर्सरी में हैं। ये बात असम के मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने दोनों राजनेताओं के राजनीतिक क्षमता की तुलना करते हुए कही। हेमंत बिस्वा शर्मा ने बीजेपी को पूर्वोतर के राज्यों में बीजेपी को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है। असम में कभी कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाने वाले हेमंत विस्वा सरमा 2015 में असम चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद से ही पूर्वोत्तर में हेंमत बिस्वा पार्टी भाजपा का जनाधार बढ़ाने में जुट गए थे।हेमंत बिस्वा सरमा कांग्रेस से नाराज होकर 2015 में बीजेपी में आए थे। वह असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कंग्रेसी नेता तरुण गोगोई के बेहद करीब माने जाते थे। प्रदेश सरकार की कैबिनेट में भी वो सबसे ताकतवर माने जाते थे लेकिन असम में विधानसभा चुनाव होने से काफी पहले सरमा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। सरमा को उत्तरपूर्वी राज्यों में कांग्रेस पार्टी की ताकत और उसकी कमियों के बारे में पूरा अंदाजा था। 2016 में हुए असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। इसके अलावा उन्हीं की मदद से ही बीजेपी असम के अलावा उत्तर पूर्व के दो और राज्य अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी सरकार बनाने में कामयाब हो पाई थी। अब त्रिपुरा की जीत में भी हेमंत बिस्वा शर्मा ने बड़ी भूमिका निभाई है।
राहुल नेचुरल लीडर नहीं – गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये नेचुरल लीडर नहीं हैं, ये परिस्थितियों की देन हैं। कोई नेता ऐसे समय में अपने कार्यकर्ताओं को छोड़कर नहीं भागता है। राहुल गांधी 56 दिन के लिए एक बार भाग गए, अभी फिर गायब हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि ये रानी की कोख से पैदा लिए हैं और पैदा लेकर के आज कोई नेता अपने कार्यकर्ताओं को छोड़कर ऐसे समय में नहीं भागता। राहुल गांधी कांग्रेस नॉन सीरियस अध्यक्ष हैं। ये स्ट्रेस नहीं झेल सकते, ये जानते हैं कि हमें कब भागना है। गिरिराज सिंह यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी 56 दिन के लिए एक बार भाग गए, अभी फिर गायब हो गए हैं। कोई नेता अपने कार्यकर्ताओं को छोड़कर ऐसे नहीं भाग सकता है।