उपचुनावों में मिली हार के बाद भी बीजेपी की समस्याएं खत्म नहीं हो रही है और एक के बाद झटके उसे यूपी में मिल रहे है | 2017 के विधानसभा चुनावों में बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए यूपी के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के दामाद डॉ. नवल किशोर शाक्य ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और आजम खान की मौजूदगी में नवल किशोर ने सपा की सदस्यता ग्रहण की। इस मौक पर अखिलेश यादव को उन्होंने गौतम बुद्ध की प्रतिमा भेंट की।
शनिवार को अखिलेश यादव ने सपा मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला। इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य के दामाद डॉ. नवल किशोर शाक्य ने सपा की सदस्यता ग्रहण की। अखिलेश यादव ने इस मौके पर कहा कि ये हमारी पार्टी में आ रहे हैं लेकिन हम इन्हें यहां नहीं, बल्कि जनसभा में सपा में शामिल करेंगे।
ये है नवलकिशोर –
आपको बता दें कि नवल किशोर पेशे से डॉक्टर हैं और कैंसर स्पेशलिस्ट हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य की गिनती जिस समय बसपा के कद्दावर नेताओं में की जाती थी, नवल किशोर ने भी उस समय बसपा की सदस्यता ली थी। इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा में चले गए। हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य के भतीजे ने भी सपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
इससे पहले अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार बेरोजगारों को परेशान कर रही है, युवाओं को रोजगार नहीं दे रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि उपचुनाव में हार के बाद योगी आदित्यनाथ के सुर बदल गए हैं। अब वह विकास की बात करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि अगर योगी आदित्यनाथ चुनाव से पहले विकास की बात करते तो उन्हें चुनाव में हार का मुंह नहीं देखना पड़ता।
देशभर में हो रही है चर्चा –
आपको बता दे की यूपी उपचुनावों को हारने के बाद देशभर में मोदी और अमित शाह के साथ साथ योगी के नेतृत्व में भी सवाल उठाये जा रहे है और कहा जा रहा है देश जीतने की बात करने वाले मोदी आखिर अपने ही गढ़ में कैसे हार गए | वही मिल जानकारी के अनुसार उपचुनावों में मिली हार के बाद अब पीएम मोदी यूपी नहीं बल्कि गुजरात और बिहार की किसी एक सीट से आगामी लोकसभा चुना लड़ सकते है | पीएम मोदी बिहार के पटना या फिर गुजरात की अहमदाबाद सीट से चुनाव लड़ सकते है जहाँ से अभिनेता परेश रावल वर्तमान में सांसद है | जाहिर है की सपा बसपा गठबंधन से बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व घबराया हुआ है और उसे आगामी लोकसभा चुनावो की चिंता सताने लगी है और वो इसकी तैयारी में लग गई है |