केन्द्रीय चुनाव आयोग आज 11 बजे प्रेस कॉफ्रेंस कर कर्नाटक की 224 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने तारीखों की घोषणा की। कर्नाटक में 244 सीटों के लिए 12 मई को मतदान होगा, जबकि चुनावों का परिणाम 15 मई को आएगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दोनों ही लगातार कर्नाटक में अपने दौरे कर रहे हैं। जहां कांग्रेस कर्नाटक में एक बार फिर से सत्ता पर काबिज होना चाहेगी तो वहीं भाजपा अपने 5 साल के वनवास को खत्म करने की कोशिश करेगी।
बुला सकते है बैठक –
आज चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कैबिनेट की बैठक बुला सकते हैं। वहीं राज्य में चुनाव की घोषणा के बाद आचार सहिंता लागू हो गई। कर्नाटक की मौजूदा (13वीं) विधानसभा का पांच वर्ष का कार्यकाल 28 जून को पूरा हो रहा है। 225 सदस्यीय विधानसभा की 224 सीट के लिए चुनाव होता है जबकि एक सीट पर एंग्लो-इंडियन समुदाय से सदस्य मनोनित होता है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस अपना किला बचाने में जुटी है तो वहीं बी. एस. येदुरप्पा को एक बार फिर से गद्दी पाने की जुगत में लगे हुए हैं।
राज्य की मौजूदा कांग्रेस सरकार के पास 123 विधायक है, जबकि बीजेपी के पास 43 और जेडीएस के पास 37 विधायक हैं। कांग्रेस पार्टी ने अपना आंतरिक सर्वे किया है, जिसमें उसे 126 सीटें मिलने की उम्मीद की गई है। वहीं इस सर्वे में बीजेपी को 70 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव एक से बढ़कर एक चौंकाने वाले वादे सामने आ रहे हैं। दरअसल कर्नाटक में इन दिनों लिंगायत समुदाय को लेकर घमासान मचा हुआ है। राज्य की सिद्धारमैया सरकार ने लिंगायत-वीरशैव समुदाय को अलग अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा देने के लिए केंद्र से सिफारिश की है। वहीं भाजपा ने अभी तक अपनी स्थिति साफ नहीं की है।
फस गई बीजेपी आईटी सेल –
आपको बता दे की आज सुबह बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक ट्वीट किया जिसमे उन्होंने कर्णाटक चुनावों की घोषणा की जबकि तक चुनाव आयोग ने घोषणा नहीं की थी | ऐसे में वो लगातार जनता के निशाने में आ गए | दरअसल चुनाव आयोग ने 11;30 बजे तारीखे बताई जबकि बीजेपी आईटी सेल ने उससे 15 मिनट पहले ही चुनाव की तारीखे बता दी | ऐसे में बीजेपी आईटी सेल के उओअर देशभर में सवाल उठाये जा रहे है और कही ना कही evm हैक वाले मसले से जोड़ा जा रहा है | कहा जा रहा है की इससे साफ़ जाहिर होता है की चुनावो के दौरान बीजेपी धांधली करती है और बेईमानी से चुनाव जीतती है |