ये हमारे देश का दुर्भाग्य ही है कि जब अनेक लोग अपने पैसे निकालने के लिए लाइनों में खड़े हुए है तब उनकी इस दिक्कत को साम्प्रदायिक रंग दिया जा रहा है.ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अपने बयान से नोटबंदी को भी धर्म के आधार बाँट दिया है.
मोदी को बताया जालिम
असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘जालिम’ बताया और साथ ही ये आरोप भी लगाया कि मुस्लिम बहुल इलाकों के बैंकों व एटीएम में पैसे नहीं डाले जा रहे हैं. हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी को तानाशाह बताते हुए कहा कि मैं भी अपने अकाउंट से पैसे नहीं निकाल पा रहा हूँ.
ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि जो आज अपने पैसे निकालने के लिए कतारों में लगे हैं वही लोग एक बार फिर उनके खिलाफ (चुनावों में) वोट देने के लिए कतार में लगेंगे. बड़ी बात ये है कि ओवैसी ने ये बयान पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन ‘मिलाद-उन-नबी’ के मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए दिया.
ये मिला जवाब
लखनऊ के मुस्लिम लोगों ने ओवैसी के इस आरोप को नकारते हुए खा कि नकद की कमी पूरे देश में ही है. इसे धर्म पर बांटना ठीक नहीं है. वहीँ देवबंद के दारुल उलूम के आस पास के लोग ओवैसी से सहमत नजर आयें.
बीजेपी ने दी ये प्रतिक्रिया
बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने ओवैसी को जवाब देते हुए कहा पहले नोट बंदी फैसले पर सियासत हुई. अब इसे सांप्रदायिकता का रूप दिया जा रहा है. साथ ही ये भी बताया कि वह संसद का सत्र खत्म होने के बाद संबंधित अधिकारियों के साथ अल्पसंख्यक बहुल इलाकों जाएंगे और वहां कैशलेस ट्रांजेक्शन का कैंप लगाया जाएगा. मुख्तार अब्बास नकवी ने ओवैसी से ऐसे इलाकों की जानकरी भी देने को कहा जिनमे आज तक पैसें नहीं पहुंचे.