यूपी विधानसभा चुनाव में जीत की प्रबल दावेदार मानी जा रही समाजवादी पार्टी में एक बार फिर से मतभेद उत्पन्न होने की आशंका हैं और इसका कारण अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को टिकट देने से सम्बंधित हैं | गौरतलब हैं की सपा ने अपने 175 की लिस्ट जारी कर दी है जिसमे कई सारे दागी छवि के है जो की अखिलेश यादव को पसंद नहीं है इसीलिए अखिलेश ने अपने करवाए सर्वे के अनुसार 403 उम्मीदवारों की सूची तैयार की हैं और पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को भिजवाई हैं | पार्टी के संचालन और प्रत्याशी चयन के तौर-तरीकों से असंतुष्ट मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। माना जा रहा है कि अखिलेश ने पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए यह कदम उठाया है। मुख्यमंत्री के इस कदम से समाजवादी पार्टी में टूट की आशंका भी जताई जा रही है। बताया जा रहा हैं क सपा के द्वारा जारी की गए लिस्ट में कई सारे उम्मीदवार दागी हैं जो की अखिलेश को पसंद नही और अखिलेश का कहना हैं की अगर वोट उनकी अगुवाई में मागे जा रहे हैं तो फिर टिकट भी वही बांटेगे और वो ऐसे छवि वाले लोगो का मुखर विरोध करते हैं |
शिवपाल सिंह यादव के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश के कई करीबियों के टिकट कटे हैं या फिर उन्हें संगठन के पदों से मुक्त कर दिया गया है। कुछ चहेतों को तो पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया है। अखिलेश इससे बेहद खिन्न हैं। खुद को मुलायम का स्वाभाविक उत्तराधिकारी बता चुके अखिलेश ने इसे अपने एकाधिकार को चुनौती मानते हुए शनिवार को सपा मुखिया को पत्र भेजकर पूरे घटनाक्रम पर अपनी आपत्ति दर्ज करा दी। अखिलेश ने कहा की उनकी यह लिस्ट कराये गए सर्वे के अनुसार हैं तो वही शशिवपाल यादव ने इस पर आपत्ति जताई हैं |
क्या कहा शिवपाल ने –
उन्होंने कहा की टिकट का बटवारा जीत के आधार पे होगा और मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक दल करेगा जो की पार्टी के संविधान में निहित हैं | अब देखना ये हैं की क्या टिकट बाटने का ये महासंग्राम कौन जीतता हैं और इससे सपा को कितना फायदा होगा |