सपा के भयंकर गृह युद्ध के बाद जब अखिलेश यादव पार्टी के सर्वोसर्वा बन गए तो उन्होंने अपनी ताकत का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया हैं और उनका सबसे अधिक विरोध करने वाले चाचा शिवपाल को एक और झटका दिया हैं |
अखिलेश की इस नई लिस्ट में जहां उन्होंने अपने चाचा शिवपाल यादव को टिकट दिया। उन्हें एक बार फिर से जसवंतनगर सीट से चुनाव मैदान में पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर उन्होंने अपने ही चचेरे भाई का टिकट काट दिया। हालांकि इससे पहले अखिलेश यादव ने जो लिस्ट जारी की थी उसमें चचेरे भाई अंशुल यादव का नाम शामिल था। उन्हें अखिलेश यादव ने उस समय मैनपुरी की करहल सीट से उम्मीदवार बनाया था हालांकि ताजा जारी लिस्ट में उनका नाम गायब है। अंशुल यादव इटावा का जिला पंचायत अध्यक्ष है।
विवाद के समय अखिलेश ने की थी टिकट की पेशकश –
अंशुल यादव की उम्मीदवारी अखिलेश यादव ने उस समय पेश की थी जब उनका अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव से विवाद चल रहा था। उस समय शिवपाल यादव ने पार्टी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी जिसके बाद अखिलेश यादव ने भी एक लिस्ट जारी थी। इसमें उन्होंने मैनपुरी के सभी विधायकों का नाम अपनी लिस्ट में शामिल किया था सिवाय सोबरन सिंह का नाम छोड़ कर, उनकी जगह पर अंशुल यादव को अखिलेश यादव ने करहल से पार्टी का उम्मीदवार बनाया था। फिलहाल समाजवादी पार्टी का झगड़ा चुनाव आयोग के फैसले के बाद सुलझ गया। अखिलेश यादव पार्टी के सर्वेसर्वा बन गए और इस बीच उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी की। इसमें उन्होंने मुलायम सिंह यादव की ओर से भेजे गए 38 उम्मीदवारों के नाम को भी शामिल किया। इसी के चलते करहल विधानसभा सीट पर अंशुल यादव की जगह पर सोबरन सिंह को टिकट दिया गया। सपा की ताजा जारी लिस्ट में शिवपाल यादव के कई करीबियों को जगह नहीं मिली है। इनमें एटा सदर से विधायक आशीष यादव का टिकट कटा है। वहीं नसी खान की बेटी और कासगंज के पटियाली सीट से विधायक जीनत खान को भी टिकट नहीं मिला है। फिरोजाबाद के जसराना से विधायक और शिवपाल यादव के करीबी रामवीर यादव, टुंडला से महाराज सिंह ढांगर और शिकोहाबाद से विधायक ओमप्रकाश वर्मा का टिकट कटा है।