उत्तर प्रदेश में हाल ही हुए लोकसभा उप चुनावों में मिली जीत से विपक्ष उत्साहित है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने केंद्र की मोदी सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि, अगर सरकार में हिम्मत है तो 2019 के लोकसभा चुनावों के साथ यूपी में विधानसभा चुनाव कराकर दिखाए। ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर सरकारी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद अखिलेश यादव ने बीजेपी को चुनौती दी है। अखिलेश ने कहा कि, मोदी सरकार 2019 के साथ ही सारे चुनाव करा ले, समाजवादी पार्टी इसके लिए तैयार है।
एक देश एक चुनाव के लिए हम तैयार-
पत्रकार वार्ता में अखिलेश ने कहा, ‘अगर मतदाता सूची को आधार नंबर से जोड़ा जाता है तो हमें कोई समस्या नही है। हमें ‘एक देश एक चुनाव’ पर भी कोई आपत्ति नहीं है। मैं तो उनसे कहूंगा कि वे ‘एक देश एक चुनाव’ का काम 2019 से ही शुरू कराएं और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ करवा दें।’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपना कार्यकाल बढ़ाने की तैयारी कर ली है। बड़े दल तो मैनेजमेंट पर चुनाव लड़ जाते हैं, रीजनल पार्टी कैसे चुनाव लड़ पाएंगी? आपको बता दें कि सरकारी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यूपी में अगला विधानसभा चुनाव 2022 के बजाय 2024 लोकसभा चुनाव के साथ कराने की राय दी है। इस तरह योगी सरकार का कार्यकाल सात साल का हो जाएगा। कमेटी चाहती है कि दिसंबर 2021 के पहले होने वाले सारे चुनाव 2019 में लोक सभा चुनाव के साथ करा लिया जाए।
हमसे नाहीए हुआ कोई विमर्श- अखिलेश
अखिलेश ने पहले गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा क्षेत्रों और पिछले दिनों कैराना लोकसभा सीट तथा नूरपूर विधानसभा सीट पर भाजपा की हार को लेकर उस पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि जब ‘एक देश एक चुनाव’ का प्रस्ताव कार्यरूप ले रहा था तो उनकी पार्टी से कोई विचार विमर्श नही किया गया। उन्होंने शिकायती लहजे में कहा कि ‘इस मुद्दे पर हमसे कोई सलाह नहीं ली गई।’
दी शुभकामनाएं-
अखिलेश यादव ने बुधवार को आरएलडी और एसपी के दोनों नवनिर्वाचित सांसद-विधायक को बधाई और शुभकामनाएं दीं। अखिलेश यादव ने नूरपुर से नवनिर्वाचित विधायक नईमुल हसन व कैराना से रालोद सांसद तबस्सुम हसन का पार्टी ऑफ़िस में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एसपी और सभी सहयोगी दल जनता के समर्थन के लिए आभारी हैं।
एमपी में है नजर- आपको बता दे की अब अखिलेश यादव की नजर एमपी चुनावों में है| जिसके चलते वो एमपी का दौरा करके वहां की चुनावी स्थिति का जायजा भी ले चुके है| अब देखना ये है की एमपी और बाकी राज्यों में होने वाले चुनावों में अखिलेश की ये हुंकार कितनी कारगर होती है|