ऐसी खबर आ रही हैं कि अखिलेश अपने समर्थक 167 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकते हैं. कल ही समाजवादी पार्टी के मुखिया 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी. जिसे देखकर ये लग रहा था कि सपा में मुख्यमंत्री भतीजे को हाशिये पर रखा गया हैं और चाचा की जीत हुई हैं. नये उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होते ही अखिलेश समर्थको की मुख्यमंत्री अखिलेश से मुलाकातों का दौर शुरू हो गया था.
आज भी अखिलेश समर्थक नेताओं ने अखिलेश से मुलाकात की. लेकिन मुलायम की तरफ से अखिलेश यादव को कुछ भी सकारात्मक जवाब नहीं मिला. ऐसे में अखिलेश ने कड़ा रुख अपना ही लिया. सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सीएम अखिलेश यादव के जिन करीबी विधायकों का टिकट काट दिया था उनसे अखिलेश ने चुनाव की तैयारी करने को कहा है. ऐसें में अगर ये कयास लगाये जाएँ कि समाजवादी पार्टी में फूट पड़ गयी है तो बहुत गलत नहीं होगा.
ऐसी खबर आ रही हैं कि अखिलेश अपने समर्थक 167 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकते हैं. मुलायम सिंह भी चाचा भतीजे की खींचतान में बेबस से नज़र आते दिख रहे हैं. अगर आप मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव की उम्मीदवारों की लिस्ट देखें तो पायेंगे कि अखिलेश के केवल 79 समर्थकों के नाम मुलायम सिंह द्वारा जारी की गयी लिस्ट में नहीं हैं. और जातिगत समीकरणों का भी ध्यान अखिलेश की पसंद को देखते हुए रखा गया हैं. जहाँ अखिलेश की पसंद का उम्मीदवार नहीं चुना गया वहीँ उसी जाति के दुसरे उम्मीदवार को टिकट दिया गया हैं.
कल ही दिखा दिया था कड़ा रुख
अखिलेश ने नेताजी द्वारा जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में अपने समर्थकों को नज़रअंदाज़ किये जाने पर अपना कड़ा रुख कल शाम ही शिवपाल खेमें की सुरभि शुक्ला को आवास विकास परिषद की उपाध्यक्षपद से हटा कर दिखा दिया था. आज अखिलेश यादव अपने समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके घर पहुंचे, जहां बाद में शिवपाल यादव भी पहुंच गए. शिवपाल यादव के आने के थोड़ी ही देर बाद यह बैठक खत्म हो गई. जिस तरीके से अखिलेश मीटिंग से बाहर निकलकर सीधे अपने समर्थकों से मिलने चले गये उसे देख कर तो ये ही समझ आता है कि समाजवादी पार्टी की फूट अब आम हो गयी हैं.