अपनी बेबाक और अक्सर विवादित टिप्पणियों के मशहूर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश मार्कंडेय काटजू ने कहा की इस बार फिर से दो तिहाई बहुमत से अखिलेश यादव की सरकार बनेगी और इसके पीछे उन्होंने ये दस वजहे भी बताई |
तो आइये जानते हैं कौन सी हैं वो दस वजहे –
- बीएसपी का वोट बैंक 20 फीसदी अनूसचित जाति और 2 फीसदी अनूसचित जनजाति वाला है।
- उत्तर प्रदेश में मुख्यत जाति और धर्म के आधार पर ही वोट दिए जाते हैं। वर्ष 2014 में जिस समय मोदी लहर चल रही थी, उस अपवाद को अलग कर दें तो आज के समय में कोई ऐसी लहर नहीं है। इसलिए अब जो भी चुनाव होंगे और वोट दिए जाएंगे वो जाति और धर्म के आधार पर ही होंगे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले का भी भाजपा को कोई फायदा नहीं होने वाला है। नोटबंदी से छोटा, मझौला व्यापारी और किसान सब प्रभावित हुए हैं।
- समाजवादी पार्टी का मुख्य वोट बैंक ओबीसी है जोकि कुल 20 से 22 फीसदी हैं। सारे ओबीसी मिलाकर 30 फीसदी हैं पर सारे ओबीसी जाति के लोग समाजवादी पार्टी को वोट नहीं देंगे।
- कांग्रेस के वोटबैंक की मौजूदगी उत्तर प्रदेश में नगण्य है। आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस से लगातार खराब होती गई है। आजादी के समय कांग्रेस को कुल 50 फीसदी वोट मिल जाता था। पर आज के समय में वो सारा वोट बैंक समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजपार्टी के पास चला गया है। वहीं सवर्ण समाज का वोट बैंक बीजेपी के पास आ गया है।
- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में चुनाव जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को अधिकतम 30 फीसदी वोट मिल ही चाहिए होते हैं। यह जरूरी नहीं है कि चुनाव जीतने के लिए उसे 50 फीसदी वोट मिलें।
- नोट्बंदी सड़े परेशान हैं यूपी की जनता और कई सारे लोगो को रोजगार नहीं मिल रहा इसीलिए बीजेपी की स्थिति यहाँ बुरी हैं |
- उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट बीजेपी को बिल्कुल नहीं मिलेगा, इसकी वजह बताते हुए उन्होंने इखलाक हत्या, मुजफ्फरनगर और बल्लभपुर घटनाएं, इसके अलावा गऊ रक्षक और घर वापसी जैसे मुद्दे भी भाजपा से मुसलमानों को दूर करते हैं।
- उन्होंने आगे लिखा कि पहले मुझे लगता था कि कानून व्यवस्था और मुजफ्फनगर जैसी घटनाओं के चलते मुस्लिमों का वोट बैंक बहुजन समाज पार्टी को मिलेगा। पर हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए और अखिलेश यादव का बतौर समाजवादी पार्टी का नए नेता के तौर पर उभार हुआ है। अगर समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव की अगुवाई में चुनाव मैदान में जाती है तो पूरा मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी के खाते में जाएगा। अखिलेश यादव युवा और अपने पिता-चाचा की छवि से बाहर आकर समाजवादी पार्टी को नया रंग दे रहे हैं। अखिलेश यादव की स्वच्छ छवि और उनकी योग्यता उनके साथ है।
- पार्टी में विखराव से कोई नुकसान नहीं क्योकि सब अखिलेश के साथ हैं |
- उन्होंने कहा कि अगर 22 फीसदी ओबीसी वोट बैंक के साथ-साथ 18-19 फीसदी मुस्लिम वोट बैंक समाजवादी पार्टी को मिल जाता है वो समाजवादी पार्टी को दो-तिहाई बहुमत मिल सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करके समाजवादी पार्टी को कोई बहुत ज्यादा वोट नहीं मिल जाएंगे, पर अगर दोनों पार्टियों का गठबंधन होता है तो एक सेक्युलर फ्रंट बनता है तो मुस्लिम वोट सीधे तौर पर इसकी तरफ जाएगा।
अब देखना ये हैं की काटजू का ये अनुमान कहा तक सही साबित होता हैं |