अखिलेश चलें मायावती की राह. इस बार नहीं लड़ेंगे चुनाव.

0
1505
Akhilesh will not fight elections

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बसपा के जीतने पर मुख्यमंत्री तो बसपा सुप्रीमों मायावती ही बनेंगी लेकिन मायावती इन विधानसभा चुनावों में प्रदेश की किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी. हालाँकि मायावती के लिए ये पहली बार नहीं हैं कि मायावती  प्रदेश में कहीं से भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी. इस बार प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शायद विधानसभा चुनाव न लड़ें.

अखिलेश यादव ने कुछ महीने पहले बुंदेलखंड से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी लेकिन मुलायम सिंह द्वारा जारी की गयी उम्मीदवारों की लिस्ट में अखिलेश यादव का नाम नहीं था. अखिलेश यादव ने बाद में जो लिस्ट जारी की थी उसमें भी अपना नाम उम्मीदवार के तौर पर कहीं पेश नहीं किया था.

Akhilesh will not fight elections

क्यूँ अखिलेश नहीं लड़ेंगे चुनाव

अखिलेश के चुनाव न लड़ने के पीछे का कारण यह बताया जा रहा हैं कि उत्तर प्रदेश काफी बड़ा प्रदेश हैं. इसलिए यहाँ चुनाव प्रचार में काफी समय लगता हैं. ऐसे में अखिलेश अपना अधिकतर समय अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार में लगाना चाहते हैं. अखिलेश यादव की लोकप्रियता प्रदेश में अपने चरम पर हैं. इसलिए अखिलेश अपनी लोकप्रियता का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं और पार्टी को जितने के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका निभाने के लिए उतरेंगे.

मायावती भी बिना चुनाव लड़े बनी थी मुख्यमंत्री

मायावती चार बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी लेकिन चारों बार मायावती ने खुद चुनाव नहीं लड़ा था. मायावती के चुनाव न लड़ने की पीछे भी मुख्य वजह प्रदेश में चुनाव प्रचार करना ही हैं. वर्तमान में मायावती राज्यसभा की सदस्य हैं. मायावती पर पूरे प्रदेश में बसपा की चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी होती हैं ऐसे में उनके लिए भी चुनाव लड़ना मुश्किल हैं.

कांग्रेस भी इसी राह पर

कांग्रेस के प्रदेश में जीतने की संभावना तो काफी कम हैं लेकिन कांग्रेस पिछले वर्षों से अधिक सीट जीतने का सपना जरुर देख रही हैं. कांग्रेस ने अपनी और से पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को चुना हैं. लेकिन शीला दीक्षित भी प्रदेश में चुनाव न लड़ने की बात कर चुकी हैं.

भाजपा अभी तक अपना मुख्यमंत्री चेहरा चुन ही नहीं पायी हैं. अभी तक भाजपा की रणनीति पीएम मोदी के सहारे प्रदेश में चुनाव प्रचार करने की हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here