यूपी चुनाव इस्तीफे और दलबद्लने का काम जोर शोर से जरी हैं और इसी केंद्र में काबिज और मोदी के नाम पे वोट मागने वाली बीजेपी भी नहीं बच सकी हैं | ताज़ा मामला अमेठी का है जहां चार बार विधायक रहे 72 साल के तेजभान सिंह को टिकट न देने के चलते 250 पार्टी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की चुनाव में मदद न करने का ऐलान किया है। जबकि 392 बूथ प्रेसिडेंट्स ने इस्तीफा देकर पार्टी के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। कहा जा रहा है कि ये सभी नेता अमेठी और गौरीगंज सीटों पर टिकट वितरण में बीजेपी के शीर्ष नेताओं से खफा हैं।
ये हैं पूरा मामला –
72 साल के तेजभान सिंह के बारे में यह कहा जा रहा है कि वह 1977 से ही RSS प्रचारक हैं। जबकि इन्हें बीजेपी 1980 से गौरीगंज सीट से टिकट भी देती आ रही है। लेकिन उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया और उनकी जगह उमाशंकर पांडेय को टिकट दिया गया। इस मामले में जिले के पार्टी प्रवक्ता गोविंद सिंह चौहान का यह कहना है कि जनता के गुस्से का असर आस-पड़ोस की सीटों पर भी पड़ सकता है।
केशव प्रसाद पे लगाये आरोप –
तेजभान सिंह ने कहा है कि मैं किसी के सामने गिड़गिड़ा नहीं सकता, राजनाथ सिंह से लेकर कल्याण सिंह और कलराज मिश्र तक पार्टी के सभी पुराने चेहरे मुझे अच्छे से जानते हैं। लेकिन इन दिनों ओम माथुर, सुनील बंसल और केशव प्रसाद मौर्य जैसे बाहरी लोग आ गए हैं। इन्ही की वजह से पार्टी के पुराने चेहरों को किनारे किया जा रहा है। ऐसे में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और यूपी प्रभारी ओम माथुर के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी करना शुरू कर दिया है। फिलहाल तेजभान सिंह ने निर्दलीय चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है।
इन्होने भी की बगावत –
हीं बसपा छोड़ बीजेपी में आए पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री आशीष शुक्ला भी टिकट न मिलने से बगावत पर उतर आए हैं। कहा जा रहा है कि वो पार्टी को सबक सिखाने के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं बीजेपी कार्यकर्ता जगह-जगह प्रदर्शन कर प्रदेश अध्यक्ष का पुतला भी फूंक रहे हैं।