उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में अरविन्द केजरीवाल ने मतदाताओं से भारतीय जनता पार्टी को वोट न देने की अपील की हैं. नोट बंदी पर बोलते हुए अरविन्द केजरीवाल ने कल रविवार के दिन लखनऊ में आयोजित एक सभा में ये बात कही.
अरविन्द केजरीवाल ने नोट बंदी को प्रधानमंत्री मोदी व अमित शाह का षडयंत्र बताते हुए कहा कि ये नोट बंदी प्रधानमंत्री ने अपने उद्योगपति दोस्तों को फायदा पहुचाने के लिए की हैं. आपको याद दिला दें कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने लोक सभा चुनावों में 80 में से 73 सीटें जीती थी. अरविन्द केजरीवाल ने इसी बात पर उत्तर प्रदेश के मतदाताओं से कहा कि अगर आज मोदी प्रधानमंत्री बने हैं तो ये उत्तर प्रदेश की जनता के वोटों से ही संभव हो पाया हैं. इसलिए पूरा देश उत्तर प्रदेश की जनता की और देख रहा है. अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि 2014 में भाजपा को 80 में से 73 सीटें जिताकर मोदी को प्रधानमंत्री बनाने वाले उत्तर प्रदेश के लोगों को अब नोटबंदी की साजिश के लिए उन्हें (पीएम मोदी को) सबक भी सिखाना होगा.
इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक वाकये का जिक्र करते हुए लोगों को बताया कि वह एक ऐसे व्यक्ति से मिलें जो पिछले 30 सालों से बीजेपी को वोट देता आ रहा हैं. लेकिन इस बार नोट बंदी से परेशान होकर उसने अपने परिवार वालों से कहा कि किसी भी पार्टी को वोट दे देना लेकिन बीजेपी को नहीं.
अब अरविन्द जी की इस मुलाकात की कहानी के पीछे की सच्चाई तो हम नहीं जानते, लेकिन ये सच है कि नोट बंदी के बाद विरोधी दलों को बीजेपी को घेरने का मौका मिल गया हैं. मोदी सरकार के कैश लेस मुहीम के विषय में बात करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी को 70 प्रतिशत चंदा कैश के रूप में ही मिलता हैं. सबसे पहले मोदी अपनी पार्टियों के कार्यकर्ताओं से कहें कि वो चंदा चेक से या डिजिटल पेमेंट से लेना शुरू करें.
अरविन्द केजरीवाल ने मोदी पर अपने गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान रिश्वत लेने के आरोप भी लगायें.