अगर मार्च में बैंक संबंधी आपके जरूरी काम अभी भी बचे हैं तो बिना देर किए उसे जल्द से जल्द निपटा लें,क्योंकि मार्च के आखिरी हफ्ते में बैंक लगातार 4 दिनों के लिए बंद रहेंगे। ऐसे में आपका जरूरी काम अटक सकता है।आखिरी मौके की का इंतजार करने के बजाए जल्द ही अपना काम निपटा लें। मार्च के अंतिम सप्ताह में लगातार चार दिनों तक बैंकों में कामकाज नहीं होगा। केंद्र और राज्य सरकार के सरकारी दफ्तर भी बंद रहेंगे। 29 मार्च को भगवान महावीर जयंती की वजह से बैंकों और सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। 30 मार्च को गुड फ्राइडे है, जिसकी वजह से राजकीय अवकाश होगा और बैंक और सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। 31 मार्च बैंकों के लिए क्लोजिंग डेट होती है , जिसकी वजह से बैंक ग्राहकों से लेन-देन नहीं करते। वहीं 31 मार्च को अंतिम शनिवार भी है। जबकि 1 अप्रैल को रविवार की छुट्टी है।
केंद्र के मर्म्चारियों का इन्तजार हुआ खत्म –
केंद्र कर्मचारियों का इंतजार अब बस खत्म होने ही वाला है। देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों को अगले महीने से बढ़ी हुई सैलरी मिलने लगेगी। उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल से केंद्रीय कर्मचारियों को उनकी बढ़ी हुई सैलरी मिलने लगेगी। सरकार 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी अगले महीने यानी अप्रैल से लेने पर विचार कर रही है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक 1 अप्रैल से कर्मचारियों को उनकी बढ़ी हुई सैलरी मिलने लगेगी। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार अगले महीने से केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी देने पर विचार रही है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में बढ़ोतरी की गई है। पिछले साल 6 जुलाई को सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को माना था, लेकिन इसे लागू करने में लंबा वक्त लग गया, लेकिन अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए सरकार जल्द से जल्द इसे लागू कर सकती है।
चुनाव पर निगाह , बढ़ेगी मिनिमम सैलरी – माना जा रहा है कि सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू कर लाखों परिवारों को खुशियां बांटना चाहती है। सरकार बढ़ी हुई सैलरी के साथ सरकार की निगाहें लोकसभा चुनाव के दौरान अपने वोटबैंक पर भी है। सरकार उम्मीद कर रही है कि सैलरी में बढ़ोतरी का असर उनके वोटबैंक पर पड़ेगा।
सरकार ने पिछले साल जुलाई में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मान लिया था और केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी हर महीने 7000से बढ़ाकर 18000 रुपए कर दी। जबकि केंद्रीय कर्मचारियों की यूनियन इसे 18000 रुपए से बढ़ाकर 21000 रुपए प्रति माह करने की मांग कर रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि सरकार उनकी मांगे मान लेगी।