यूपी में विधानसभा चुनाव की तारीखे कभी भी आ सकती हैं और आचार संहिता लग सकती हैं तो ऐसे में अखिलेश यादव वहां पे सौगातों की बरसात कर रहे हैं और जबकि जनता सियासत की छतरी ओढ़ के बैठी हुई हैं | आये दिन अखिलेश यादव किसी ना किसी बड़ी योजना का लोकार्पण करते हैं तो आइये जानते हैं अखिलेश की सौगातों के बारे में |
उल्लेखनीय है कि 20 दिसम्बर को महज 4 घंटों में 50 हज़ार करोड़ से अधिक की करीब 300 योजनाओं को लॉन्च करने के बाद 21 दिसम्बर को शिक्षकों व राज्यकर्मियों को खुश करने की कोशिश की गई। सरकार ने राज्यकर्मियों की भांति सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थानों, स्वायत्तशासी संस्थाओं व निगमों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मियों को अब पति-पत्नी दोनों को मकान किराया भत्ता देने का ऐलान किया है।मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। जानकारी के मुताबिक अभी तक सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं और निगमों में यदि पति-पत्नी दोनों कार्यरत हैं, तो सिर्फ एक को ही एचआरए का लाभ मिलता था, जबकि राज्य कर्मचारी में पति-पत्नी दोनों को इसका लाभ दिया जा रहा है। राज्यकर्मियों की तरह सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थाओं, स्वायत्तशासी संस्थाओं और निगमों के कर्मचारी भी पति-पत्नी को एचआरए देने की मांग कर रहे थे। इसके अलावा सरकार ने कमजोर वर्ग के लिए ई-रिक्शा में राहत की सौगात दी। अखिलेश यादव ने ई-रिक्शा पर लगने वाला वैट को साढ़े 12 फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया है।
इंजीनियरों को लुभाने में लगे हैं –
सरकार ने जूनियर इंजीनियरों का भी ख्याल रखा है। सरकारी, स्वायत्तशासी और निगमों में कार्यरत अवर अभियंताओं को हर महीने 400 रुपये विशेष भत्ता दिया जाएगा। अखिलेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्गो की तरह अब भुर्तिया जाति को भी आरक्षण का लाभ देने की घोषणा की है। सरकार ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण में अहीर, यादव, यदुवंशी, ग्वाला के साथ भुर्तिया जाति को भी जोड़ने का फैसला किया है।
अखिलेश हर दिन कुछ ना कुछ नयी घोषणा करते रहते हैं जो की यूपी की जनता अच्छे से समझ रही हैं और अब देखना ये हैं की क्या ये योजनाये अखिलेश को दुबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुचाती हैं या नहीं |