कर्नाटक में 104 सीटें जीतकर बहुमत के बेहद के करीब पहुंचने वाली बीजेपी के हाथों से सत्ता छीनकर कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले डी के शिवकुमार नाराज हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि डी के शिवकुमार को मनाने के लिए गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत को जिम्मेदारी सौंपी है। डी के शिवकुमार कर्नाटक में कांग्रेस के लिए कितने अहम हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डिप्टी सीएम की रेस में उनका नाम सबसे आगे माना जा रहा था, लेकिन ऐन मौके पर जी परमेश्वर बाजी मार ले गए।
नहीं मिला उचित सम्मान-
शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं, ऐसे उन्हें डिप्टी सीएम बनाना कांग्रेस को मुफीद नहीं लग रहा था। कारण यह था कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी इसी समुदाय से आते हैं। बहरहाल, डिप्टी सीएम का पद न मिलने के बाद खुद शिवकुमार ने कहा था कि उन्हें पद का लालच नहीं। लेकिन बीएस येदुरप्पा के फ्लोर टेस्ट में बीजेपी का गणित गड़बड़ाने वाले शिकुमार की नाराजगी की असली वजह है पार्टी के भीतर अनदेखी। ऐसा कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के कर्नाटक दौरे पर उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला, इस वजह से भी वह नाराज हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि डीके शिवकुमार अब कर्नाटक की नई सरकार में दो बड़े मंत्रालय या प्रदेश अध्यक्ष का पद चाहते हैं। बहरहाल, शिवकुमार की नाराजगी से कर्नाटक कांग्रेस में हलचल मच गई है।
मुश्किल में कुमारस्वामी-
कांग्रेस-जेडीएस सरकार को कर्नाटक विधानसभा में गुरुवार को बहुमत साबित करना है। अगर डीके शिवकुमार अपने साथ 5 विधायकों को भी ले गए तो कुमारस्वामी सरकार का गिरना तय हो जाएगा। यही कारण है कि राहुल गांधी ने गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत को डीके शिवकुमार को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
संकटमोचन बने थे –
कर्नाटक में जैसे ही त्रिशंकु सरकार के रुझान दिखे कांग्रेस ने फौरन वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को काम पर लगा दिया। गुलाम नबी आजाद ने बिना देरी किए अपने खेमे का जायजा लिया और डीके शिवकुमार को विधायकों को बीजेपी से बचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। डीके शिवकुमार ने निर्दलीय विधायकों से बातचीत करके उन्हें कांग्रेस के पाले में किया। इतना ही नहीं, जिस ईगल्टन रिजॉर्ट में कांग्रेस के 78 विधायकों को इस बार रोका गया, वह भी डीके शिवकुमार का ही है।
जी परमेशवर भेई नाराज-
कर्नाटक के डिप्टी सीएम जी परमेश्वर ने कहा है कि ये कहना कि दलित होने की वजह कांग्रेस ने उनका नाम बढ़ाया और उनको प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया गया ठीक है। उन्होंने कहा कि ये एक इत्तेफाक है कि वो दलित हैं, उनकी जाति का उनके उपमुख्यमंत्री बनने से कोई ताल्लुक नहीं है। जी परमेश्वर ने बताया कि बेंगलुरू की जिस राजाराजेश्वरी सीट पर चुनाव टल गया था, उस पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी और जेडीएस समर्थन करेगी। उन्होंने ईवीएम पर भी सवाल उठाए और कहा कि वो चुनाव आयोग से बैलेट की वापसी के लिए कहेंगे।