उत्तर प्रदेश में पश्चिमी उत्तर प्रदेश एक सवेंदनशील हिस्सा हैं. हम इस क्षेत्र के जिस भाग की बात कर रहे हैं उसमे मुज़फ्फरनगर का वो जिला भी आता है जिसमे सपा के सत्ता में रहते हुए दंगे हुए थे. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ये कुछ भाग ऐसे हैं जहाँ सांप्रदायिक हिंसा बढ़ते देर नहीं लगती. कैराना भी इसी भाग में पड़ता हैं. कैराना क्षेत्र से हिन्दू पलायन मुद्दा भाजपा नेता हुकुम सिंह ने उठाया था. अब इसी कैराना से हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह भाजपा की और से विधानसभा चुनावों में खडी होंगी.
क्या था पलायन मुद्दा
वैसे तो भारत के सविंधान में सभी धर्मों के साथ में मिलजुल कर रहने की बात कहीं गयी हैं लेकिन वास्तव में ऐसा हर जगह नहीं हैं. कैराना से पलायन मुद्दा तब उठा हुकुम सिंह ने 350 हिंदू परिवार की लिस्ट जारी करते हुए कहा था कि कैराना में मुस्लिम गैंग ने हिंदुओं को पलायन करने के लिए मजबूर किया था. हालाँकि तब के जिला प्रशासन ने ऐसे किसी भी पलायन की बात से इनकार किया था. जिला प्रशासन के अनुसार कैराना में कुछ अपराधिक घटनाओं को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गयी हैं. कैराना में मुकीम काला व फुरकान गैंग का आतंक भी जोर पर था. लेकिन बात तब बढ़ती गयी जब कैराना से हिन्दू पलायन मुद्दे को कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन मुद्दे जैसा रंग दिया जाने लगा. आ[पको बता दें कि कैराना में 80 प्रतिशत जनसँख्या मुस्लिमों की हैं.
कैराना के लोग इस बात को स्वीकार करते हैं कि क्षेत्र में दोनों ही समुदाय के बीच मधुर संबंध बने रहे हैं. लेकिन पलायन की बातों से पुरी तरह इनकार भी नहीं किया जा सकता.
अब बेटी लड़ेगी चुनाव
कैराना की सीट से अब हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह भाजपा कू और से चुनाव लड़ेगी. हुकुम सिंह की बेटी की कैराना में अधिकतर पहचान उनके पिता का नाम हैं. मृगांका सिंह की अधिकांश पढाई कैराना से बाहर होने के कारण स्थानीय लोग उन्हें कम पहचानते हैं. मृगांका सिंह को टिकेट मिलने के बाद कैराना में भाजपा के नेता अनिल चौहान बागी हो गए और उन्होंने रालोद का दमन थाम कर इसी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर ली हैं.
हुकुम सिंह ने कैराना पलायन को चुनावों में भी उठाने की बात की हैं. अब इससे वहां की जनता कितना प्रभावित होती हैं ये तो चुनावी नतीजे ही बतायेंगे.