यूपी के विधानसभा चुनावों में हर कोई अपनी सत्ता काबिज करना चाहता हैं चाहे उसके लिए कुछ भी करना पड़ जाए | हमेशा की तरह बीजेपी फिर से यूपी चुनावों में पुराने मुद्दे उठाने में लगी हैं और इसीके साथ वह मोदी के नाम की ब्रांडिंग करने चुनाव जीतने का प्रयास कर रही हैं |
- ट्रिपल तलाक –
तीन तलाक जैसे मुद्दे को उठाकर भाजपा ने मुस्लिम महिलाओं के हक की बात कही है, चुनावों के ठीक पहले केन्द्रीय विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद का ये कहना कि इस चुनाव के बाद ही इस ओर केंद्र सरकार बड़ा फैसला ले सकती है,निसंदेह भाजपा के लिए यूपी चुनाव में विजयी हथियार बन सकता है।
- लव जिहाद –
ये एक ऐसा मुद्दा है जो कि हर धर्म के लोगों को परेशान करता है और इस बात का असर मार्डन बन चुके लोगों पर भी होता है इसलिए भाजपा मे इस मसले को भी अपना चुनावी मुद्दा बनाया है।
* राम नाम का सहारा “ राम मंदिर ” –
एक बार फिर से भाजपा को राम मंदिर याद आ गया है और वो इसे चुनावी मुद्दे में इस्तेमाल कर रही है। चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा इलेक्शन हर जगह उसे ये मुद्दा विजयी बनाता है, कटियार और योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गजों ने इस मसले को फिर से जिंदा कर दिया है, देखते हैं यूपी की जनता इस पर क्या एक्शन लेती है?
मोदी के सहारे बीजेपी –
बीजेपी एक बार फिर से यूपी चुनाव मोदी लहर के सहारे लड़ने जा रही है, भले ही उसने सीएम चेहरा क्लीयर नहीं किया है लेकिन उसके कदम इस बात का इशारा करते हैं कि विकास की बात करने वाली भाजपा सरकार आखिरकार धर्म और जाति के ही नाम पर यूपी दंगल में उतरने जा रही है। उसका लक्ष्य 300 सीट पाना है।
जहाँ एक ओर सभी पार्टियाँ अधिक से अधिक मुस्लिमो को टिकट देकर यूपी जीतने में लगी हैं तो वही बीजेपी अपनी मुस्लिम विरोधी मुद्दों में ही अटकी हुई हैं | अब देखना ये होगा की बीजेपी को आखिर ये मुद्दे कैसे जीत दिलाते हैं और मोदी की ब्रांडिंग कहा तक काम आती हैं |