पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी को चुनाव होने हैं. आज उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों की 73 सीटों के लिए प्रचार खत्म हो जायेगा. सभी राजनेतिक पार्टियों के पास प्रचार एन दम लगाने के लिए केवल आज का ही दिन शेष बचा हैं. ऐसे में सभी दल और उनके नेता मतदाताओं को लपक कर अपनी उपलब्धियां व वादे बताने में लगे हैं.
पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, एटा और कासगंज जिलों में मतदान होना है. पिछले विधानसभा चुनाव में इस अंचल में सपा, बसपा ने 24-24 सीटें जीतकर शानदार कामयाबी हासिल की थी. लेकिन यहाँ भाजपा का सपना अपनी लोक सभा चुनावो की सफलता को दोहराना हैं. यहाँ सपा कांग्रेस गठबंधन व बसपा का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम वोटो को पाना हैं.
यहाँ गुजेंगा जनसभाओं का शोर
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव हाथरस में मतदताओं को सपा की और झुकाने की कोशिश करेंगे तो कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी भी अलीगढ में मतदाताओं को रिझाते नज़र आयेंगे. इसके अलावा कानुपर में अखिलेश यादव और राहुल गांधी की साझा रैली की भी योजना है. बीजेपी भी आज के दिन को छोड़ना नहीं चाहेगी. आज भाजपा से योगी आदित्यनाथ शाहजहांपुर और जलालाबाद में जनसभा संबोदित करेंगे. आज राजनाथ सिंह भी उत्तर प्रदेश में हाथरस में ही रैली करेंगे. आज चुनाव प्रचार में उमा गाँधी भी मतदातों के सामने बीजेपी के मन की बात रखेंगे.
कैसे हैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के समीकरण
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सभी दलों ने जाति व धर्म के लिहाज़ से अपने उम्मीदवारों को वोट दिया हैं. पश्चिमी यूपी की कुल 140 में से 26 सीटें ऐसी हैं, जहां एसपी और बीएसपी दोनों की तरफ से ही मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. जैसे मुज़फ्फरनगर में हालाँकि मुस्लिम आबादी भी बहुत हैं लेकिन बहुसंख्यक हिन्दू होने के कारन यहाँ से सपा, बसपा व भाजपा तीनो ने ही बहुसंख्यक धर्म के व्यक्तियों को टिकट दिया हैं. लेकिन यहाँ भी मुस्लिम मतदाता ही किंग मकर साबित होने वाला हैं. क्यूंकि पश्चिमी यूपी की कुल 140 में से 26 सीटें ऐसी हैं, जहां एसपी और बीएसपी दोनों की तरफ से ही मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है.