एनएसजी की सदस्यता पे चीन ने फिर लगाया अडंगा

0
1255
china again blocked nsg memebership

हमारा पडोसी देश किसी भी मामले में हमें नहीं बढ़ने देना चाहता जिसका सबसे बड़ा सबूत हैं की चीन द्वारा भारत के एनएसजी सदस्यता का लगातार विरोध करना |

china again blocked nsg memebership

शुक्रवार को चीन ने कहा कि वह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की एंट्री का विरोध करेगा। चीन का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब एनएसजी का पूर्ण सत्र बर्न में चल रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा है कि ‘किसी भी नॉन एनपीटी सदस्‍य को एनएसजी का सदस्‍य बनाने के मुद्दे पर चीन ने अभी अपना रुख नहीं बदला है।’

स्विट्जर्लैंड में चल रही एनएसजी सदस्यों की बैठक

आपको बता दें कि स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में एनएसजी के 48 सदस्‍यों की बैठक चल रही है। गेंग ने कहा, ‘मैं इस ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं कि विस्तार को लेकर NSG के नियम स्पष्ट हैं और सियोल में पूर्ण सत्र के दौरान यह स्पष्ट कर दिया गया था कि मुद्दे से किस प्रकार निपटना है। हमें इन नियमों तथा सहमति से कार्य करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘नए सदस्यों को एनएसजी में शामिल करने को लेकर स्विट्जरलैंड में जारी यह पूर्ण बैठक सियोल के पूर्ण सत्र के फैसले का पालन करेगा और सर्वसम्मति पर फैसले के सिद्धांत को बरकार रखेगा।

भारत ने पिछले साल किया था अप्लाई –

भारत ने पिछले वर्ष मई में एनएसजी का सदस्‍य बनने के लिए औपचारिक तौर पर अप्‍लाई किया था। लेकिन चीन तब से ही भारत की एंट्री का विरोध कर रहा है। चीन का कहना है कि एनएसजी की सदस्‍यता के लिए नियम सभी देशों के लिए एक जैसे होने चाहिए। भारत एनपीटी का सदस्‍य नहीं है और उसी तरह से पाकिस्‍तान ने भी इसे साइन नहीं किया है। भारत की ही तरह पाकिस्‍तान ने भी एनएसजी की सदस्‍यता के लिए अप्‍लाई किया हुआ है। एनएसजी दुनिया भर में न्‍यूक्लियर टेक्‍नोलॉजी और मैटेरियल के एक्‍सपोर्ट पर नियंत्रण रखता है। साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि एटॉमिक एनर्जी का प्रयोग सिर्फ शांतिपूर्ण मकसद के लिए ही हो।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here