नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एससी/एसटी एक्ट को लेकर देश का सियासी माहौल गर्माने लगा है। एससी/एसटी एक्ट के विरोध में सवर्ण समाज ने 6 सितंबर को भारत बंद का ऐलान कर, जहां केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, तो वहीं कांग्रेस ने इन सबके बीच एक बड़ा दांव चल दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ऐलान किया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो ब्राह्मणों को 10 फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी। सुरजेवाला के इस बयान को कांग्रेस का बड़ा सियासी पैंतरा माना जा रहा है।
हमारे डीएनए में ब्राह्मण समाज का खून– हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर तट पर आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन में पहुंचे रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘मेरे एक साथी ने कहा कि आप कांग्रेस के झंडे के नीचे ब्राह्मण समाज का सम्मेलन क्यों कर रहे हैं, तो मैं जवाब देना चाहता हूं कि ब्राह्मण समाज का खून कांग्रेस के डीएनए में है। अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो देश के अंदर एक ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा। इस बोर्ड का चेयरमैन भी ब्राह्मण समाज के व्यक्ति को ही बनाया जाएगा। स्वाभाविक ज्ञान हमेशा ब्राह्मणों के पास रहा है, क्योंकि पैसा कभी ब्राह्मण का ज्ञान नहीं खरीद सका।’
ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन– रणदीप सिंह सुरेजवाला ने कहा, ‘कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन कर, उसके लिए 300 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया जाएगा। ब्राह्मण समाज के अंदर ऐसे काफी परिवार हैं, जो मौजूदा दौर में आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं, लेकिन केंद्र की सरकार को उनकी बिल्कुल भी फिक्र नहीं है। ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के 300 करोड़ रुपए के बजट से कांग्रेस उन परिवारों की मदद करेगी। बोर्ड के बजट से गरीब ब्राह्मण परिवार के बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। अगर कांग्रेस को सत्ता में आने का मौका मिलता है तो मौजूदा आरक्षण नीति को छेड़े बगैर, पार्टी ब्राह्मण समाज के लिए 10 फीसदी तक के आरक्षण की व्यवस्था करेगी।’
भारत बंद का एलान– आपको बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए इस तरह के मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इस फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने देशभर में आंदोलन किया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने संसद में कानून बनाकर इस एक्ट को इसके मूल स्वरूप में लौटा दिया। अब सवर्ण समाज के लोग सरकार के इस कदम के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सवर्ण समाज के लोगों ने 6 सितंबर को भारत बंद का भी ऐलान किया है।