देश के हाईप्रोफाइल मुद्दों में से एक हैं सोनू निगम का अजान विवाद जो की पिछले दिनों ख़ासा चर्चा में था और सोनू निगम ने इसके लिए अपने बाल तक मुंडवा दिए थे और कोर्ट ने भी इस्पे अपना मत जाहिर किया हैं |
ये कहा कोर्ट ने
अज़ान के बारे में ट्वीट कर विवाद में फंसे सिंगर गायक सोनू निगम के खिलाफ दर्ज याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है | जस्टिस एमएमएस बेदी ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि अज़ान मुस्लिम धर्म का जरूरी हिस्सा है, लेकिन माइक्रो फोन्स (लाउड स्पीकर) का इस्तेमाल अज़ान का हिस्सा नहीं है | बता दें कि आस मोहम्मद नाम के एक एडवोकेट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सोनू निगम के ट्वीट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी | जस्टिस एएस बेदी की बेंच ने सोनू निगम के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही. जस्टिस बेदी ने याचिका को लेकर कहा कि यह सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए दायर किया गया था | उन्होंने कहा, ‘गुंडागर्दी’ शब्द का इस्तेमाल अज़ान के लिए नहीं, बल्कि लाउडस्पीकर के लिए किया गया था |” हरियाणा के सोनपती जिले के रहने वाले आस मोहम्मद ने सोनू निगम के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी | याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि गायक के ट्वीट ने मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का हनन है और समुदाय के लोगों के धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई है |
ये कहा था सोनू ने
गौरतलब है कि गायक सोनू निगम ने पिछले महीने ट्वीट किया था, ‘मैं मुस्लिम नहीं हूं लेकिन रोज सुबह मुझे अजान की आवाज से उठना पड़ता है |’ उन्होंने आगे लिखा था, ‘आखिर कब भारत से ये जबरन धार्मिक भावना थोपना खत्म होगा? वैसे जब मोहम्मद ने इस्लाम बनाया था तब बिजली नहीं थी |’ सोनू निगम ने ये भी कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कोई मंदिर या गुरुद्वारा बिजली का इस्तेमाल उन लोगों को जगाने के लिए करते हैं जो उस धर्म का पालन नहीं करते | तो फिर ऐसा क्यों? गुंडागर्दी है बस |