डिजिटल पेमेंट: कितना सुरक्षित और कितने तैयार हैं हम.

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Digital Payment how much and how prepared we are

केंद्र सरकार लोगों को डिजिटल पेमेंट करने के लोए जागरूक कर रही है. इस के  लिए सभी प्रकार के प्रचार भी किये जा रहे है. बैंक अकाउंट को आधार कार्ड से जोड़ने की कवायद भी जारी है. लेकिन क्या सच में भारत तैयार है डिजिटल बनने के लिए. करते है इस विषय की समीक्षा.

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बैंक नहीं है चुस्त

अगर आप भारत सरकार के आधीन काम करने वाले बैंक जैसे स्टेट बैंक. पीनबी आदि में अपना अकाउंट खुलवाने जायेंगे तो आपको शायद ही कोई बताएं कि आप इन्टरनेट बैंकिंग की सुविधा का लाभ कैसे उठा सकते है. आप पढ़े लिखे है लेकिन हम यहाँ उन लोगो कि बात कर रहे है जो बहुत पढ़े लिखें नहीं है. डिजिटल देश बनाने के लिए उन्हें भी तो प्रक्षीशण मिलना जरूरी है. और इसकी शुरुआत बैंकों से ही होनी चाहिए. लेकिन हमारी राष्ट्रीय बैंक गाँवों, कस्बों और छोटे शहरों में अपने ग्राहकों को इतना समय ही नहीं दे पाते.

आपका फ़ोन कितना  सुरक्षित

कल ही केंद्रीय गृहमंत्रालय ने एक अलर्ट जारी किया है. जिसमें अपने फ़ोन से चार एप्प हटाने के लिये कहा गया है. ये एप्प ऐप हैं टॉप गन (गेम एप्प), एमपीजुंक (म्यूजिक एप्प), बीडीजुंकी (वीडियो एप्प) और टॉकिंग फ्रॉग (एंटरटेनमेंट एप्प). ऐसा करने के पीछे ये तर्क दिया जा रहा है कि इन एप्प के माध्यम से पाकिस्तान से आपकी जासूसी की जा रहे है. और आपके द्वारा की गयी किसी भी लेन देन की जानकारी पकिस्तान तक पहुँच रही है.

क्या है एटीएम की सुरक्षा

पिछले वर्ष ही भारत सरकार ने चिप वाले एटीएम कार्ड ग्राहकों को देने के आदेश दिए थे. कुछ प्राइवेट बैंकों ने अपने ग्राहकों के ऐसे एटीएम कार्ड issue करने शुरू कर दिए लेकिन सरकारी बैंक अभी तक स्ट्रीप वाले कार्ड क=ही अपने ग्राहकों को दे रहे है. असल में चिप वाले एटीएम कार्ड में सुरक्षा अधिक होती है और इन्हें हैक नहीं किया जा सकता. आपको याद ही होगा हाल ही में बहुत से बैंकों के कस्टमर्स के एटीएम कार्ड के डाटा चोरी भी हो गया था.

इन्टरनेट बैंकिंग

आसानी से पैसा भेजने या पेमेंट करने का सबसे सुरक्षित और आसान तरीका इन्टरनेट बैंकिंग है. लेकिन यहाँ भी ग्राहकों को बहुत जागरूक रहने की जरूरत है कि वो किस तरह से अपना डाटा सेफ रखें.

डिजिटल पेमेंट की और देश को ले जाते समय इस बात को भी सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि क्या भारत के हर शहर व गाँव में इन्टरनेट की सुविधा है. क्या अधिकतर लोगों के पास कंप्यूटर की सुविधा की उपलब्धता है. यदि ऐसा नहीं है तो क्या सरकार फ़ोन बैंकिंग को अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रही है ?

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