अमेरिका के नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह H1-B वीजा धारको को अमरीकी नागरिकों की जगह नौकरी नहीं करने देगे. ट्रंप ने डिज्नी वर्ल्ड समेत अन्य अमेरिकी कंपनियों का नाम लेते हुए कहा कि इन कंपनियों ने अमेरिकी कर्मियों को नौकरी से निकालकर उनकी जगह भारतीयों समेत H1-B वीजा धारकों को भर्ती किया है.
ये है मामला
अमेरिका की तीन कंपनियों के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने ओने यहाँ काम करने वाले अमेरिकी नागरिकों हो हटा कर उनकी जगह भारत से अमेरिका लाए गए सस्ते विदेशी श्रमिकों को भर्ती करने के लिए षड़यंत्र रचा.
अमेरिकी नागरिक है प्राथमिकता
दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने कहा मैंने उन अमेरिकी कर्मियों के साथ भी समय बिताया, जिन्हें नौकरी से निकाल दिया गया. साथ ही इन लोगो को दुसरे लोगो को ट्रेनिंग भी देनी पडी. ये दुसरे लोग बाहर के देशों से आये थे. अमेरिकी नागरिको के हटाकर इन दुसरे लोगों को नौकरी पर रख लिया गया.
ये हो सकता है जुर्माना
H1-B वीजा धारकों का मुद्दा ट्रंप के चुनाव प्रचार में भी छाया रहा. ट्रंप ने एप्पल को भी अपने प्रोडक्ट्स अमेरिका में ही बनाने के लिए कहा था. अब ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी कंपनियां अगर दूसरे देशों में प्लांट्स लगा कर प्रोडक्ट्स को अमेरिका में बेचेंगी तो उन्हें 35 फीसदी से ज्यादा टैक्स देने होंगे.
भारत पर पड़ सकता है असर
भारत के बढ़ते सॉफ्टवेर इंडस्ट्री को देखते हुए, बहुत सी अमेरिकी कंपनियों ने अपने सॉफ्टवेर डेवलपमेंट के काम को भारत में आउटसोर्स किया हुआ है. भारत से सॉफ्टवेर डेवेलोप करवाना अमेरिका में करवाने से ज्यादा सस्ता पड़ता है. अगर डोनल्ड ट्रंप अपनी 35 फीसदी टैक्स बढ़ाने वाली पॉलिसी इम्प्लेमेन्ट करते है तो इससे भारत के सॉफ्टवेयर सर्विस एक्सपोर्ट सेक्टर को नुकसान होने की उम्मीद हैं.