पिछले साल जुलाई में लागू की गई माल एवं सेवा कर (GST) सेवा के तहत अब 1 अप्रैल से ई-वे बिल सेवा शुरू हो रही है। सरकार ने कारोबारियों एवं ट्रांसपोर्टरों को ई-वे पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए कहा है।जीएसटी के तहत 1.05 करोड़ व्यवसाय पंजीकृत हैं और करीब 70 लाख ने रिटर्न दाखिल किया है। अभी तक सिर्फ 11 लाख ट्रेडर्स ने ही जीएसटीएन पर रजिस्ट्रेशन कराया है। बड़ी संख्या में व्यापारी रजिस्ट्रेशन कराने से कतरा रहे हैं। वहीं इस नई व्यवस्था को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। आईए हम आपको बताते हैं कि क्या है ई-वे बिल और किसे पड़ेगी इसकी जरूरत।
कुछ ऐसा है बदलाव –
१ – अगर 50 हजार रुपये से ज्यादा का माल एक राज्य से दूसरे राज्य या राज्य के अंदर भी भेजा जा रहा है तो ई-वे बिल चाहिए होगा। कुछ राज्यों में अंतर्राज्यीय ट्रांसपोर्ट के लिए भी यह अनिवार्य होगा। सरकार के मुताबिक कोई भी शख्स, जो अपने सामान व वस्तु को ट्रांसपोर्ट कर रहा है, वह भी जीएसटी कॉमन पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाकर ई-वे बिल जारी कर सकता है।
2- ई-वे बिल प्राप्त करने के लिए ewaybillgst.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। अगर इस साइट पर आप रजिस्टर्ड है और आप 50 हजार रुपये से ज्यादा का सामान भेज रहे हैं, तो आपको यहां पर Part A का EWB-01 फॉर्म भरना होगा। अगर सामान भेजने वाला कारोबारी रजिस्टर्ड नहीं है और सप्लाई प्राप्त करने वाला कारोबारी रजिस्टर्ड है, तो उसे Part A का EWB-01 फॉर्म भरना होगा। दोनों ही के रजिस्टर न होने पर, सामान की सप्लाई करने वाले ट्रांसपोर्टर को यह फॉर्म भरना होगा।
3- अगर कोई ट्रांसपोर्टर ewaybillgst.gov.in पर रजिस्टर्ड नहीं है, तो वह जीएसटी कॉमन पोर्टल पर पहले अपना रजिस्टेशन करवाए इसके बाद वह भी अपने ग्राहकों के लिए ई-वे बिल जारी करने के योग्य हो जाएगा।
4- ई-वे बिल तभी जनरेट कर सकते हैं जब सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्ट्रड होंगे। अगर ट्रांसपोर्टर रजिस्टर्ड नहीं है, तो उसका ई-वे बिल पोर्टल ewaybillgst.gov.in पर एनरॉल होना जरूरी है। इसके लिए उसके पास टैक्स एनवॉइस, बिल या डिलीवरी चालान और वस्तु व सामान ट्रांसपोर्ट कर रहे ट्रांसपोर्टर की आईडी होना जरूरी है।
5- अगर जनरेट किए गए ई-वे बिल में किसी भी तरह की गलती हो जाती है, तो आप उसे सुधार नहीं सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको पुराना ई-वे बिल कैंसिल करना होगा और नया ई-वे बिल फिर से जनरेट करना होगा।
6- ई-वे बिल लगभग सभी उत्पादों के लिए जरूरी है। सिर्फ वे उत्पाद इसमें शामिल नहीं होंगे, जो नियम और सरकारी अधिसूचना की कारण सूची से बाहर रखे गए हैं। जैसे पीडीएस के अंतर्गत आने वाला केरोसिन तेल आदि।