भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने चुनावी दौरे में कर्णाटक में है | अमित शाह का चुनावी दौरा अपने चरम पर है और वो सभी वर्गों को लुभाने की कोशिश कर रहे है लेकिन आज एक जगह वो बुरे फस गए | शाह के हैदराबाद दौरे के दौरान उन्होंने यहा हुमनाबाद और कलबुर्गी के किसानों से मुलाकात की। इस दौरान यहां 1000 किसान मौजूद थे जोकि अलग-अलग जगहों से आए थे। इनमे से सिर्फ पांच किसानों को ही शाह से सवाल पूछने की इजाजत थी। किसानों के नेता ने अमित शाह से सीधा सवाल पूछा जिसमे किसानों की समस्याएं अहम थी और केंद्र सरकार इन समस्याओं से निपटने के लिए क्या कर रही है।
आखिर किसानो का कर्जा क्यों माफ़ नहीं किया ?
किसान नेता सिद्धारमप्पा अनादोर ने शाह से पूछा कि आपके पास कॉर्पोरेट लोन माफ करने के लिए 1715000 करोड़ रुपए हैं, लेकिन किसानों को खेती करने के लिए लोन देने के लिए 1260000 करोड़ रुपए नहीं हैं। आपको यह समझना चाहिए कि आपको किसानों ने वोट दिया है नाकि व्यापारियों ने। किसान नेता के इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने कॉर्पोरेट्स का लोन माफ नहीं किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यह कहते हैं कि केंद्र सरकार ने किसानों का लोन माफ किया है। लेकिन हमने उनका लोन माफ नहीं किया है। हमने सिर्फ कॉर्पोरेट्स की मदद के लिए टैक्स रेट कम किया है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या सरकार किसानों का कर्ज माफ करेगी।
क्यों लागू नहीं हुई स्वामीनाथन की रिपोर्ट ?
वहीं जब एक और किसान ने पूछा कि आखिर क्यों भाजपा ने एमएस स्वामिनाथन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया, जब उसने चुनाव में इसे लागू करने का वायदा किया था, क्या आप अपने वायदे से मुकर गए। इसके जवाब में शाह ने कहा कि स्वामिनाथन रिपोर्ट की मुख्य सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है, जिसमे सबस अहम थी कि किसानों को फसल की लागत का डेढ़ गुना एमएसपी मुहाया कराया जाए, जिसे पिछले बजट में सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
अपने चुनावी कार्यक्रम के दौरान अमित शाह इन सवालों के जवान नहीं दे पाए और किसानो से नजर चुराते नजर आये | दरअसल इस साल बीजेपी कर्णाटक में सरकार बनाने के मूड में है और इसके लिए अमित शाह काफी लम्बे समय से कर्णाटक के दौरे में है और वो अपनी पार्टी का प्रचार कर रहे है |